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सूरत. राज्य के सरकारी विभागों में रिश्वत दिए बिना काम नहीं होता। आए दिन कोई न कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी रिश्वत लेने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के हाथों पकड़ा जाता रहा है। ब्यूरो की ओर से जारी वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार संबंधित कुल 176 मामले दर्ज कर 252 अधिकारी, कर्मचारी और बिचौलियों को पकड़ा गया। इनमें सबसे अधिक संख्या गृह विभाग के कर्मचारियों की है।
राज्य सरकार के साथ कुछ वर्षो से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो भी सक्रिय देखने को मिला है। सख्ती बढ़ने के बावजूद भी सरकारी विभागों में अधिकारी और कर्मचारी बाज नहीं आ रहे हैं। हालांकि भ्रष्टाचार को लेकर वर्ष 2021 में एसीबी में दर्ज मामलों के मुकाबले वर्ष 2022 में तीन ही मामले बढ़े हैं। वर्ष 2021 में 173 तो वर्ष 2022 में 176 मामले दर्ज किए गए और 252 को गिरफ्तार किया गया। विभागों के हिसाब से देखें तो रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए सबसे अधिक 44 कर्मचारी गृह विभाग के हैं। वहीं, 32 कर्मचारियों के आंकड़े़ के साथ पंचायत विभाग दूसरे और 25 आरोपी कर्मचारियों के साथ महसूल विभाग तीसरे नंबर पर है। इसके अलावा शहर विकास विभाग के भी 13 कर्मचारी रिश्वत लेने के आरोप में वर्ष 2022 में पकड़े गए।
टोल फ्री नंबर 14000 से अधिक शिकायतें
भ्रष्टाचारियों को पकड़वाने के लिए एसीबी की ओर से टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। ब्यूरो के मुताबिक, वर्ष 2022 में पूरे साल के दौरान टोल फ्री नंबर 14,757 ने संपर्क किया। हालांकि इनमें से सिर्फ 26 मामलों में ही ब्यूरो को सफलता मिली। इसके अलावा आय से अधिक संपत्ति के भी पांच मामले बीते वर्ष में दर्ज किए गए।
सबसे अधिक वर्ग-3 के कर्मचारी पकड़े गए
एसीबी ने जारी की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए 252 जनों में से सबसे अधिक 114 वर्ग-3 के कर्मचारियों की रही। वहीं, 94 आरोपी बिचौलिये थे। जबकि वर्ग-4 के सिर्फ पांच कर्मचारी इनमें शामिल हैं। वर्ग -2 के 30 अधिकारियों पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है।
Published on:
12 Feb 2023 06:58 pm
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