
जयपुर-मुंबई एक्सप्रेस में गोलीबारी, आरपीएफ एएसआई और तीन निर्दोष यात्रियों की मौत
सूरत. जयपुर-मुंबई सुपरफास्ट एक्सप्रेस में सोमवार सुबह 5:23 बजे तृतीय श्रेणी वातानुकूलित शयनयान के कोच संख्या बी-5 के अंदर गोलीबारी की घटना से हड़कंप मच गया। ट्रेन में सो रहे यात्रियों के बीच जान बचाने के लिए अफरा-तफरी मच गई। इस घटना में एक आरपीएफ जवान समेत तीन निर्दोष यात्रियों की मौत हो गई। जबकि ट्रेन में फायरिंग करने वाले आरपीएफ जवान को गिरफ्तार कर लिया गया है।
12956 जयपुर-मुंबई गणगौर एक्सप्रेस में तीन निर्दोष यात्रियों और ऑनड्यूटी आरपीएफ एएसआई एएसआई की मौत ने पूरे देश को झकझोर दिया है। साथ ही ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। तीन मृतक यात्रियों की पहचान या उनके परिवारों को आधिकारिक अधिसूचना मिलने तक पहचान नहीं की गई है। सूत्रों ने बताया कि ट्रेन पालघर और दहिसर के बीच गुजर रही थी, तभी अचानक वातानुकूलित श्रेणी के कोच संख्या बी-5 में फायरिंग शुरू हो गई। सूरत से मुंबई के बीच ट्रेन में गश्त करने वाली अरपीएफ जवान की टोली में ही किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इसमें परेल वर्कशॉप के अरपीएफ जवान चेतन कुमार ने गश्त पार्टी के इंचार्ज दादर अरपीएफ के एएसआई टीकाराम मीणा पर फायरिंग की। इस घटना में टीकाराम समेत तीन यात्रियों की मौत हुई है। अंधाधुंध फायरिंग की घटना सामने आने से ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में आरपीएफ कांस्टेबल द्वारा फायरिंग की गई। इसमें एक एएसआई समेत तीन यात्रियों की मौत हो गई है। घटना की सूचना रेलवे पुलिस को दी गई और आरोपी आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार को मीरा रोड से गिरफ्तार कर लिया गया। फायरिंग में मारे गए चारों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए स्थानीय सरकारी अस्पताल ले जाया गया है। हालांकि, फायरिंग के पीछे की खास वजह पता नहीं चल पाई है. आरोपी से सख्त पूछताछ की जा रही है।
मृतक एएसआई को 61.78 लाख की राहत राशि :
रेलवे के अधिकारियों ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और जनता को आश्वासन दिया है कि वे न्याय पाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पश्चिम रेलवे जनसंपर्क विभाग की ओर से बताया गया है कि आरपीएफ जवान टीकाराम मीणा के परिवार को 61.78 लाख रुपए तत्काल प्रभाव से राहत राशि उपलब्ध करवाई गई है।
यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल :
इस दु:खद घटना ने ट्रेनों में कड़े सुरक्षा उपायों और यात्रियों और रेलकर्मियों की सुरक्षा की आवश्यकता को रेखांकित किया है। इस घटना ने कानून प्रवर्तन कर्मियों के मानसिक कल्याण और तनाव प्रबंधन के बारे में चर्चा शुरू कर दी है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिए उनके मानसिक स्वास्थ्य की पर्याप्त देखभाल सुनिश्चित करने के बारे में बहस छेड़ दी है। इस बीच, यह दर्दनाक अनुभव करने वाले यात्रियों ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ट्रेनों में सुरक्षा प्रोटोकॉल और उपायों को बढ़ाने की मांग करते हुए अपने दु:खद अनुभव साझा किए हैं।
Updated on:
31 Jul 2023 02:30 pm
Published on:
31 Jul 2023 02:25 pm
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