
सूरत में युवती की मोबाइल लत ने ली जान
पुलिस के मुताबिक, शहर के गोपीपुरा क्षेत्र में मोटी छिपवाड में रहने वाले नरेंद्र राणा जरी का काम करते हैं। उनकी पत्नी और बेटी विशाखा (20) भी जरी का काम कर परिवार की आर्थिक मदद कर रही थी। बेटी विशाखा ने शनिवार शाम को घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने बताया कि विशाखा को काफी समय से मोबाइल की लत थी।
मोबाइल में गूगल पर फेस एक्सरसाइज कर रही थी। इसी बीच उसका मुंह मुड़ गया और उसे तत्काल इलाज के लिए निजी अस्पताल ले जाया गया। उसका इलाज चल रहा था, लेकिन पिछले दो महीने से उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद परिजन उसको मनोरोग विभाग के डॉक्टर के पास ले गए और इलाज शुरू करवाया। पिछले एक माह से उसका मोबाइल फोन भी उससे ले लिया गया था। शनिवार को जब वह घर में अकेली थी तो उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
युवती को सुनाई देती थी कई आवाजें
लगातार मोबाइल फोन में व्यस्त रहने वाली लडक़ी के अचानक उठाए इस कदम से परिवार पर आफत टूट पड़ी है। बताया जा रहा है कि युवती को कई तरह की आवाजें सुनाई देती थी। गुगल खाना खाने के लिए ना बोला है..., गुगल ने मरने के लिए बोला है...ऐसी बातें वह बोलती रहती थी। अठवा पुलिस ने आत्महत्या की घटना का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
व्यवहार में बदलाव होने पर सचेत हो जाए
अभिभावक सूरत में मोबाइल लत के कारण हुई इस घटना से दूसरे लोगों को सबक लेना चाहिए। युवती को स्क्रिजोफेनिया जैसी कोई साइकोटिक बीमारी होने की आशंका है। ऐसे मरीजों को कान में आवाज सुनाई देती है। उस आवाज को वह भूत, दोस्त या किसी और की आवाज समझकर मानने लगते है। यह आवाज पीडि़त को कंट्रोल करती है। व्यवहार, बातचीत में परिवर्तन, उदास रहना, चिंता करना या आवाजें सुनाई देने जैसी घटना सामने आने पर मनोरोग विभाग में इलाज करवाना चाहिए। अधिक नशा करने वालों के साथ भी ऐसा हो सकता है। खासतौर से 15 से 25 वर्ष के बीच के युवाओं में सामान्य से अलग लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से सम्पर्क करके इलाज करवाना सही निर्णय होगा।
डॉ. कमलेश दवे, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोरोग विभाग, नई सिविल अस्पताल, सूरत।
Published on:
11 Mar 2024 09:35 pm
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