
Hate of father's hate became a victim!
सूरत।ढाई वर्ष के नीव का शव मिलने के बाद पुलिस की सारी जांच इसी सवाल का जवाब ढूंढने में जुट गई है कि निष्ठुर पिता की नफरत का शिकार मासूम कैसे बन गया? रिमांड अवधि के दौरान लगातार ऊल-जुलूल बयानों से पुलिस को चकरघिन्नी बना रहे आरोपी ने अब तक यह नहीं बताया कि उसने किन कारणों से अपने बच्चे को मिंढोला नदी में फेंक दिया था। पुलिस की सारी उम्मीदें भी नार्कों और पॉलीग्राफ टेस्ट पर टिक गई हैं। तभी तो कोर्ट से नार्को टेस्ट की मंजूरी मिलने के बाद पलसाना पुलिस लाइ डिटेक्टर टेस्ट यानी पॉलीग्राफ जांच के लिए अर्जी देगी।
शातिर निशित से प्रकरण से जुड़े हर तथ्य का सच जानने के लिए पुलिस इन जांचों को करवाना चाहती है। पॉलीग्राफ टेस्ट की अनुमति मिलने के बाद आरोपी को गांधीनगर स्थित एफएसएल में ले जाया जाएगा। इस बीच, नीव की मां और परिजनों को भी समझ में नहीं आ रहा कि एकाएक क्या हो गया जो मासूम बच्चे की जान उसके अपने पिता ने ले ली। जबकि, मासूम नीव के सबसे ज्यादा करीब आरोपी निशित ही था। बड़ा बेटा नवसारी के बॉर्डिंग स्कूल में रहकर पढऩे के कारण नीव ही मम्मी-पापा के साथ रहता था।
यह था मामला
गत 16 जुलाई को वणेसा गांव के निशित पटेल ने ढाई साल के पुत्र नीव के अपहरण की झूठी कहानी पुलिस को बताकर मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने कड़ी पूछताछ की तो उसने बच्चे को नांदिड़ा गाव के पास मिंढोला नदी के ब्रिज से फेंकने का सनसनीखेज खुलासा किया।
३१ किलोमीटर दूर मिला शव
पुलिस ने बताया कि बारिश के कारण मिंढोला नदी में पानी का बहाव तेज था। इसके चलते शव बारडोली से करीब 31 किमी दूर कनसाड़ गांव की सीमा से मिला। दो दिनों से बारिश का जोर थमने के बाद जब पानी का स्तर घटा तो शव खोजने में सफलता मिली।
पुलिस ने झोंक रखी थी पूरी ताकत
नीव प्रकरण में पुलिस के सुस्त रवैये पर गंभीर सवाल खड़े होने के बाद से उन्होंने नीव की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी। फायर ब्रिगेड और स्थानीय तैराकों की मदद से पुलिस मिंढोला नदी में खोजबीन में जुटी रही। अंतत: नवसारी जिले में मरोली रेलवे ब्रिज से करीब पांच किलोमीटर दूर झाडिय़ों के बीच नीव का शव मिला। पुलिस आगे की जांच में जुट गई है।
फोरेंसिक टीम के लिए तैयार किए सवाल
पुलिस निरीक्षक केडी राठौड़, उपनिरीक्षक जेएम कंडोरिया नीव के शव को लेकर देर शाम सूरत के न्यू-सिविल अस्पताल आए। सीएमओ डॉ. सीएल घीया ने शव को ट्रोमा सेंटर के पोस्टमार्टम कक्ष में रखवा दिया। फोरेंसिक विभाग के चिकित्सक गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम करेंगे। राठौड़ ने बताया कि शव की तस्दीक के लिए बच्चे के मामा प्रतीक पटेल को मौके पर बुलाया गया। उसके साथ कुछ समाजजन भी आए। पुष्टि होने के बाद ही पोस्टमार्टम के लिए शव को सूरत लेकर आए। पुलिस ने फोरेंसिक चिकित्सकों के लिए कई सवाल तैयार किए हैं, जिससे वे घटना की तह तक जा सके। बच्चे की मौत कब हुई, कारण क्या था, अंदरुनी-बाहरी चोटें कितनी हैं, पेट या रक्त में किसी तरह का केमिकल या नशीला पदार्थ था कि नहीं? जैसे सवाल चिकित्सकों के समक्ष रखे हैं।
टीम ने सात दिन बहाया पसीना
मासूम नीव का शव बुधवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे मिला। उसकी तलाश में सात दिनों से पुलिस, दमकल विभाग और स्थानीय तैराकों की टीम पसीना बहाने में जुटी थी। सूरत फायर ब्रिगेड और इमरजेंसी सर्विस के ऑफिसर जगदीश पटेल ने बताया कि रेस्क्यू टीम में धर्मेश पटेल, राहुल पटेल, नीलेश पटेल, विक्की पटेल, हेमंत खलासी, बिपिन खलासी, जतिन भंडारी आदि शामिल थे।
पत्रिका व्यू : नन्हे नीव की मासूमियत से भी नहीं पसीजा दिल
जिस मासूम को ढाई साल तक कलेजे से लगाकर पाला-पोसा, उसे उफनती नदी में फेंकते समय निष्ठुर पिता के क्या हाथ तक नहीं कांपे? इस दृश्य को कल्पना में चित्रित करने मात्र से ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं। आरोपी निशित ने जिस क्रूरता से बच्चे को मारा वह जघन्य वारदात का खौफनाक अंत है। आखिर उसके दिल में कौनसी नफरत पल रही थी, जिसने मासूम की मासूमियत को भी रौंद दिया। प्रकरण के १० दिन बीतने के बावजूद यह सामने नहीं आ पाया है कि आरोपी ने क्यों यह सब किया? पहले पत्नी पर अवैध संबंध के झूठे आरोप मढ़े तो बाद में खुद के चरित्र को दागदार बता दिया। सच क्या है? यह तो सामने आ ही जाएगा, पर जिस बच्चे को अपराध का अ-आ तक पता नहीं था, उसके साथ ये सबकुछ घटा, इसको सूरत कभी भुला नहीं पाएगा।
Published on:
07 Aug 2018 10:31 pm
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