
सूरत. सूरत रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने के लिए पीपीपी से ईपीसी मोड में आने के बाद एमएमटीएच प्रोजेक्ट फिलहाल अधर में है। माना जा रहा है कि सोमवार को गांधीनगर में प्रस्तावित हाईपावर कमेटी की बैठक में एमएमटीएच की दिशा तय हो सकती है।
सूरत मनपा की पहल पर रेलवे मंत्रालय ने सूरत रेलवे स्टेशन को अंतरराष्ट्रीय स्तर का रेलवे स्टेशन बनाने का निर्णय किया था। इसके लिए इंडियन रेलवे स्टेशन डवलपमेंट कॉरपोरेशन (आईआरएसडीसी), गुजरात स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और सूरत महानगर पालिका ने पीपीपी मोड पर आगे बढऩे का निर्णय किया था। इस प्रोजेक्ट को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब का नाम दिया गया था, जिसमें ट्रेन, बस और स्टेशन आने-जाने के लिए लोकल ट्रैफिक को एक ही जंक्शन पर प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाना था। प्रोजेक्ट की कॉमर्शियल वायबिलिटी के लिए इसे बहुमंजिला बनाया जाना था, जिसमें होटल, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, शॉपिंग मॉल समेत एक शहर में मिलने वाली सभी सुविधाओं को एक ही जगह पर जमा कर देना था। यानी शहर के भीतर एक शहर बसाने की योजना थी।
डीपीआर तैयार होने के बाद प्रोजेक्ट पर काम और आगे बढ़ता, इसी बीच आईआरएसडीसी ने सूरत समेत देशभर में इसी मॉडल पर अन्य प्रोजेक्ट्स को पीपीपी की जगह ईपीसी मॉडल पर आगे बढऩे का निर्णय किया। अचानक किए गए इस निर्णय से मनपा प्रशासन सकते में आ गया था। ईपीसी मोड पर जाने के फैसले के बाद से एमएमटीएच के काम की रफ्तार पर ब्रेक लग गया। अधिकारियों को भी अभी तक यह पता नहीं चला है कि आखिर प्रोजेक्ट पर आगे किस तरह बढ़ा जाए। इस दौरान सूरत मनपा प्रोजेक्ट पर जरूरी जानकारियां ही आगे बढ़ा रही हैं।
मुश्किलों पर होगी चर्चा
एमएमटीएच को लेकर आईआरसीडीसी ने सोमवार को गांधीनगर में हाई लेवल कमेटी की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में ईपीसी मोड को लेकर अचानक सामने आई मुश्किलों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही प्रोजेक्ट पर तेजी से आगे बढऩे के लिए किस तरह काम किया जाए, इसकी दिशा भी तय हो जाएगी।
रास्तों पर कवायद शुरू
एमएमटीएच प्रोजेक्ट को लेकर मनपा ने रास्तों पर कवायद शुरू कर दी है। अधिकारियों के मुताबिक एमएमटीएच प्रोजेक्ट पर तो आईआरएसडीसी काम करेगी, लेकिन वहां तक लोकल ट्रांसपोर्ट की पहुंच बनाने और यातायात सहज बनाने के लिए मनपा को ही कवायद करनी होगी। इसके लिए अभी से रास्तों को चौड़ा करने के लिए काम शुरू कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए जगह चिन्हित की जा रही है। एक बार रूट तय होने के बाद जमीन के अधिग्रहण का काम शुरू होगा।
Published on:
09 Feb 2018 10:01 pm
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