30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तो लोगों को ऐसे मिलेगी छत

पीपीपी मॉडल के तहत हाउसिंग बोर्ड में बनेंगे मकान, 1516 नए मकान बनाने को मंूजरी मिलने का मंत्री ने किया दावा

2 min read
Google source verification

सूरत

image

Vineet Sharma

Oct 13, 2018

patrika

तो लोगों को ऐसे मिलेगी छत

वापी. जर्जर हो चुके हाउसिंग बोर्ड की इमारतों का रिडेवलपमेन्ट पीपीपी मॉडल के अनुसार होगा। जिसके तहत हाउङ्क्षसग बोर्ड में नए 1516 मकान बनाकर लोगों को दिए जाएंगे। यह दावा वन एवं आदिजाति मंत्री रमण पाटकर ने किया है। पाटकर ने कहा है कि 30 महीने में लोगों को नए मकान बनाकर देने का प्रयास किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार हाउङ्क्षसग बोर्ड के जर्जर हो चुके मकानों के रिडवलपमेंट की मांग अरसे से की जा रही है। इन आवासों में रह रहे लोगों ने इसके लिए कई बार संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर इमारतो की स्थिति से अवगत कराया और उनके रिडेवलपमेंट की जरूरत बताई। 23 सितंबर को पुरानी हाउसिंग बोर्ड की 13 नंबर बिल्डिंग में छज्जा गिरने से घायल तीन लोगों में से एक जने की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।

हादसे के बाद प्रशासन ने एहतियातन इस इमारत को खाली करवा दिया गया था। उसके बाद से 32 परिवार खुले आसमान के नीचे रह रहे हैं। उनका आरोप है कि खुले आसमान के नीचे रह रहे लोगों की न तो कोई सुध लेने आया और न मदद के लिए ही किसी ने हाथ बढ़ाया है। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की इस बेेरुखी से हाउसिंग बोर्ड के निवासियों में नाराजगी व्याप्त है। नाराज लोग तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर आवास दिलाने या फिर इच्छा मृत्यु की मांग भी कर चुके हैं।

इस बीच शनिवार को मंत्री रमण पाटकर ने बताया कि गांधीनगर में होने के कारण पीडि़त परिवारों से नहीं मिल पाए, लेकिन हाउसिंग बोर्डे के रिडेवलपमेंट के लिए मुख्यमंत्री से लेकर बोर्ड के अधिकारियों तक से लगातार संपर्क में रहे। रमण पाटकर ने बताया कि हाउङ्क्षसग बोर्ड ने जर्जर इमारत की जगह 1516 नए मकान बनाने को मंजूरी प्रदान कर दी गई है।
उन्होंने दावा किया कि पहले हाउङ्क्षसग बोर्ड ने 288 मकान बनाने का निर्णय किया था लेकिन उनके अनुरोध पर 1516 मकान बनाकर देने को राजी हुई है। इतना ही नहीं नवरात्र पूरा होने से पहले टेन्डर देने की कोशिश भी चल रही है।

मंत्री रमण पाटकर ने बताया कि मकान न बनने तक दूसरी जगह पर रहने के लिए लोगों को किराया भी ठेकेदार फर्म से दिलाया जाएगा। पीपीपी मॉडल के तहत होने वाले इस कार्य में 60 प्रतिशत मकान निवासियों तथा 40 प्रतिशत मकान ठेकेदार के पास रहेंगे, जिसे वह बेचेगा। रमण पाटकर ने लोगों को गुमराह करने का आरोप भी लगाया और कहा कि घटना के बाद उन्होंने अस्पताल में घायलों की मदद के लिए 20 हजार रुपए भी दिये थे।