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नोटबंदी में काले को सफेद करने वाले ज्वैलर्स पर अब गिरेगी गाज

नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने के लिए कई धनकुबेरों ने ज्वैलर्स का सहारा लिया और ज्वैलरी खरीद के बहाने काले धन को ठिकाने लगा दिया। बताया जा रहा है

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Jewelers shouting slogans in black and white

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सूरत।नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद करने के लिए कई धनकुबेरों ने ज्वैलर्स का सहारा लिया और ज्वैलरी खरीद के बहाने काले धन को ठिकाने लगा दिया। बताया जा रहा है कि सूरत में भी कई ज्वैलर्स ने 8 नवंबर से पहले की तारीख में बिक्री बताकर बड़े पैमाने पर गोलमाल किया। ऐसे ज्वैलर्स पर अब गाज गिर सकती है।

सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग ने नोटबंदी के दौरान बड़ी रकम जमा करने वालों का पता लगाने के लिए कई राष्ट्रीयकृत और कॉऑपरेटिव बैंकों में जांच की थी। विभाग ने उन ज्वैलर्स के यहां भी जांच की, जिन्होंने पिछले साल 8 और 9 नवंबर को बड़ी रकम की ज्वैलरी बेची थी। जांच के दौरान कम्प्यूटर डाटा में पिछली तारीख की खरीद-बिक्री के आंकड़े से छेड़छाड़ के शक में नौ ज्वैलर्स के कम्प्यूटर और हार्ड ***** फोरेंसिक सोफ्टवेयर एक्सपर्ट के पास भेजे गए थे। इनमें से दो की रिपोर्ट आ गई है। बाकी की एकाध सप्ताह में आ जाएगी। विभाग को शक है कि ज्वैलर्स ने लोगों के काले धन को सफेद करने का काम किया है।

फोरंेसिक रिपोर्ट में यदि विभाग का शक सच निकलता है तो ज्वैलर्स पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज होगा, जिसकी जांच ईडी करेगा। बताया जा रहा है कि यदि ज्वैलर्स यह स्वीकार कर लेता है कि उसने दूसरों से रुपए लेकर पिछली तारीख में एंट्री दिखाई है तो बंद मुद्रा का इस्तेमाल करने और काला धन सफेद करने के मामले में ज्वैलर्स पर प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।

आयकर का बकाया नहीं देने वालों पर कसेगा शिकंजा

नोटबंदी से लोगों की परेशानी को देखते हुए पिछले साल आयकर विभाग ने सर्वे और सर्च की कार्रवाई कम की थी, लेकिन इस साल विभाग पुरानी रिकवरी पर ध्यान केन्द्रीत कर रहा है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने सभी कमिश्नरेट में वसूली तेज करने का निर्देश दिया है। मंगलवार को इसी सिलसिले में गुजरात के तमाम चीफ कमिश्नरों की मीटिंग बुलाई गई है।


सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स के निर्देश के बाद देशभर में पुराने मामलों में रिकवरी अभियान चलाया जा रहा है। सूरत में भी दो महीने से आयकर अधिकारी रिकवरी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। अब तक 100 से अधिक केस में अधिकारियों ने बैंक अकाउंट अटैच किए हैं और 20 से अधिक मामलों में प्रोसिक्यूशन किया है। कई मामलों में प्रोसिक्यूशन के लिए कानूनी सलाह ली जा रही है। इस बारे में सीबीडीटी को रिपोर्ट करने के लिए मंगलवार को राज्य के प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर के साथ चीफ कमिश्नरों की मीटिंग बुलाई गई है।

गुमशुदा करदाता बने सिरदर्द

कई करदाता पिछले कई साल से लापता हैं या गलत पते के कारण आयकर विभाग के अधिकारी खाली हाथ लौट आते हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिनमें बड़ी रकम की रिकवरी बाकी हैं, लेकिन करदाता के गायब होने से अधिकारी लाचार है। आयकर अधिकारियों की ओर से उनके सीए से संपर्क कर वास्तविकता जानने का प्रयास किया गया, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। हर साल ऐसे मामलों में पैनल्टी और ब्याज बढ़ रहा है।