
Jyeshtha Amavasya 2021 first solar eclipse of the year 2021,Jyeshtha Amavasya 2021 first solar eclipse of the year 2021
सूरत. गुरुवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या है। इस दिन वटसावित्री व्रत व भगवान शनिदेव की जयंती मनाई जाती है। इस बार ये दोनों पर्व वर्ष 2021 के पहले सूर्यग्रहण के साथ मनाए जाएंगे। हालांकि भारत में सूर्यग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए व्रत-पर्व मनाने में ज्योतिष मत से किसी तरह की बाधा नहीं है।
गत 26 मई को वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर देश-दुनिया में बुद्ध पूर्णिमा व पीपल पूर्णिमा का पर्व मनाया गया और इस दौरान वर्ष 2021 का पहला चंद्रग्रहण भी रहा। हालांकि यह भी भारत में दिखाई नहीं देने से इसका किसी तरह का असर यहां पर देखने को नहीं मिला।
बुद्ध पूर्णिमा के ठीक 15 दिन बाद ज्येष्ठ अमावस्या पर वटसावित्री व्रत व भगवान शनिदेव की जयंती मनाई जाएगी और इस दौरान सूर्यग्रहण भी रहेगा। इस संबंध में ज्योतिषी डॉ. हरीश जोशी ने बताया कि ज्येष्ठ अमावस्या गुरुवार को साल का पहला सूर्यग्रहण कंकणावृत्ति है क्योंकि यह खंडग्रास के रूप में दूसरे देशों में दिखाई देगा।
भारत में नहीं दिखने से ग्रहण का सूतक समेत अन्य तरह की बाधाएं यहां पर मान्य नहीं है। ज्येष्ठ अमावस्या बुधवार दोपहर एक बजकर 58 मिनट से प्रारम्भ होगी और गुरुवार शाम 4 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। इस अवधि में मंदिर पूर्ववत खुले रहेंगे और विधि विधान से पूजा-पाठ होती रहेगी।
वहीं, ज्योतिषी घनश्याम भारद्वाज ने बताया कि साल का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को है और इसी माह के दौरान 3 ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे और 2 ग्रह वक्री होंगे। राशि परिवर्तन करने वाले ग्रहों में मंगल, सूर्य व शुक्र शामिल है जबकि बुध और गुरु वक्री होंगे। शनि पहले से ही मकर राशि में वक्री है।
Published on:
09 Jun 2021 06:24 pm
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