
जीतू चौधरी
वलसाड. वर्ष 2017 में कपराड़ा से कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए जीतू चौधरी ने पार्टी और विधायक पद से इस्तीफा देने के पीछे पूर्व सांसद किशन पटेल को जिम्मेदार ठहराया है। पत्रिका से बातचीत में उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष और पूर्व सांसद किशन पटेल ने उनके खिलाफ प्रचार कर पार्टी विरोधी काम किया था। इसके कारण उन्हें कम वोट हासिल हुए। जीतू चौधरी ने कहा कि इसकी शिकायत कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष राहुल गांधी और गुजरात प्रभारी राजीव सातव से भी की थी, लेकिन एक साल बाद भी किशन पटेल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे आहत होकर उन्होंने पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि वह 34 साल से कांग्रेस में थे और चार बार विधायक चुने गए थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में उनकी हार के लिए जिम्मेदार किशन पटेल के खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से उन्होंने पार्टी और विधायक दोनों से इस्तीफा दिया है। हालांकि भाजपा प्रवेश पर उन्होंने चुप्पी साध ली है। वहीं, जीतू चौधरी के आरोप के बाबत किशन पटेल ने कहा कि उन्होंने पार्टी के खिलाफ कोई काम नहीं किया है और जीतू चौधरी के आरोप बेबुनियाद हैं। जीतू चौधरी कुछ महीने से पार्टी छोडऩे का मन बना चुके थे, यह सभी को मालूम है। उन्होंने कहा कि जो भी विधायक कांग्रेस छोड़कर गया है उसकी आगे की राजनीति समाप्त हो जाती है, यह सालों से लोग देख रहे हैं।
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राज्यसभा चुनाव को लेकर बीटीपी को मनाने में जुटी कांग्रेस
भरुच. राज्यसभा चुनाव को लेकर भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो विधायकों का वोट हासिल करने के लिए भाजपा के साथ कांग्रेस ने भी एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इस बीच बीटीपी नेता एवं झगडिय़ा विधायक छोटू भाई बसावा के बदले तेवर से कांग्रेस परेशान है। कांग्रेस के कद्दावर नेता बीटीपी को अपने पाले में करने की कोशिश कर रहे हैं। बीटीपी के दो वोट राज्यसभा की एक सीट के परिणाम को पलटने की ताकत रखते हैं। इस कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बीटीपी को अपने खेमे से जोडऩे में जुटे हैं। छोटू बसावा अपने बेटे देडियापाडा विधायक महेश बसावा के साथ मिलकर अपने समर्थकों से विमर्श में जुटे हैं। सोमवार को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र में आ रहे छह गांवों के आदिवासी भी छोटू बसावा से मिलने आए थे।
Published on:
18 Jun 2020 12:53 am
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