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सूरत।लंबी प्रतीक्षा के बाद मनपा के फायर विभाग को 70 और 56 मीटर ऊंचे हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म मिल गए हैं। पिछले दिनों दोनों आधुनिक गाडिय़ां फिनलैंड से मुंबई के रास्ते सूरत पहुंची। फिलहाल इन्हें अडाजण फायर स्टेशन के पास पैक रखा गया है। इनकी आरटीओ पासिंग सहित दूसरी प्रक्रिया बाकी है।
इन गाडिय़ों से लैस होने के बाद मनपा को बहुमंजिला इमारतों की आपदाओं से लोहा लेने में आसानी रहेगी।
शहर में जिस तेजी से बहुमंजिला इमारतों का जाल बिछता जा रहा है, आपदाओं के समय 70 मीटर और 56 मीटर का हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म कारगर साबित होगा। मनपा ने 70 मीटर हाइट के प्लेटफॉर्म के लिए 10 करोड़ 60 लाख रुपए और 56 मीटर के लिए पांच करोड़ 80 लाख रुपए चुकाए। निर्माता विदेशी कंपनी होने की वजह से मनपा के अधिकारियों ने डिलीवरी लेने से पहले इसका फिनलैंड जाकर मुआयना किया था। इसके बाद इसकी खरीद को अंतिम मुहर लगाई गई। करीब दो-ढाई साल की प्रक्रिया के बाद मनपा के फायर विभाग को यह गाडिय़ां मिली हैं।
कम हैं प्लेटफॉर्म
शहर में हजार से अधिक हाइराइज बिल्डिंग बन चुकी हैं, जो 40 मीटर से अधिक ऊंची हैं। ऐसी बिल्डिंग में आग लगने की घटना से फायर विभाग लाचार नजर आता है। वर्ष 2014 में 23 अप्रेल को लैंडमार्क, तीन मई को कोहिनूर मार्केट और 29 मई को ऑर्चिड टावर में आग हादसे में यह लाचारी उजागर हुई थी। 54 मीटर के एक ऊंचे हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म के सहारे आग बुझाने की जद्दोजहद की जाती रही थी। इन घटनाओं के बाद मनपा की सामान्य सभा में विपक्ष ने इसे मुद्दा बनाते हुए फायर संसाधनों की कमी पर बार-बार सत्ता पक्ष को घेरा।
चार बार टेंडर, कई बार टली खरीद
70 मीटर ऊंचा एक हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म खरीदने के लिए मनपा प्रशासन ने चार बार टेंडर जारी किए थे। आग की बड़ी घटनाओं के बाद मनपा प्रशासन ने वर्ष 2014 में अंतिम निर्णय करते हुए एक एजेंसी को काम सौंपा, जो फिनलैंड से इन उपकरणों का आयात करती है। मनपा के पास अभी छह हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म हैं। इनमें से पांच 25 से 30 साल पुराने हैं। वहीं 16 मीटर के दो, 22 मीटर के दो, 25 मीटर का एक और 54 मीटर ऊंचा एक प्लेटफॉर्म है।
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