
clipart
सूरत. क्रिप्टो करेंसी में निवेश के बहाने लोगों से धोखाधड़ी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब ऑक्सी कॉइन के नाम से लोगों से 8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की शिकायत सीआइडी क्राइम में दर्ज हुई है। सीआइडी क्राइम ने कंपनी के संचालक को गिरफ्तार कर 6 दिन के रिमांड पर लिया है।
सीआइडी क्राइम के मुताबिक कामरेज नीलकंठ रेजिडेंसी निवासी उमेश अनूपचंद जैन ने वराछा लंबे हनुमान रोड पर हैप्ली बंग्लॉज निवासी चंद्रेश उर्फ जिम्मी प्रवीण कोटडिया के खिलाफ सीआइडी क्राइम, सूरत यूनिट में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई है। आरोप के मुताबिक अभियुक्त ने ऑक्सी कॉइन के नाम से क्रिप्टो करेंसी लॉन्च की और निवेश पर अच्छे मुनाफे का झांसा दिया। उमेश ने 6 लाख रुपए निवेश किए थे। इसी तरह अन्य लोगों ने भी रुपए निवेश कर कॉइन खरीदे। बाद में चंद्रेश ने रुपए लौटाए बिना वेबसाइट बंद कर दी और फरार हो गया। उसने आठ करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की। सीआइडी क्राइम ने मामला दर्ज कर सोमवार को चंद्रेश को गिरफ्तार कर लिया। मंगलवार को उसे कोर्ट में पेश कर 14 दिन का रिमांड मंजूर करने की मांग की गई। लोकअभियोजक रिंकू पारेख ने दलीलें पेश करते हुए कहा कि अभियुक्त से पूछताछ में अब तक 8 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। अभियुक्त ने निवेशकों के रुपयों से क्या खरीदा, उन रुपयों का क्या किया, 3 करोड़ रुपए के खर्च से वह प्रमोटरों को विदेश टूर पर ले गया था, इसकी और अन्य पहलुओं की जांच के लिए पुलिस हिरासत जरूरी है। दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने 6 दिन का रिमांड मंजूर करते हुए उसे 30 सितम्बर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया।
दस साल की कैद का प्रावधान
क्रिप्टो करेंसी रखने, बेचने या खरीदने पर 10 साल की कैद की सजा हो सकती है। क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध और नियमन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक 2019 में क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग, जेनरेशन, उसे रखने, बेचने, ट्रांसफर करने, नष्ट करने, जारी करने और सौदा करने में लिप्त व्यक्ति को 10 साल की कैद का प्रावधान है। विधेयक में क्रिप्टो करेंसी को पूरी तरह अवैध बताते हुए इसे रखने को गैर-जमानती अपराध बनाया गया है। क्रिप्टो करेंसी डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है। बिटकॉइन सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टो करेंसी है।
प्रतिबंध लगाने की सिफारिश
मनी लॉन्ड्रिंग में क्रिप्टो करेंसी के दुरुपयोग की आशंका को लेकर आयकर विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर सीमा शुल्क विभाग (सीबीआइसी) इस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर चुके हैं। आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई वाले अंतर मंत्रालयी समूह भी देश में निजी आभासी मुद्रा (क्रिप्टो करेंसी) को प्रतिबंधित करने का सुझाव दे चुका है। समूह ने देश में क्रिप्टो करेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि को आपराधिक ठहराने का सुझाव दिया था। समूह के सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल हैं। निजी क्रिप्टो करेंसी से जुड़े जोखिमों और उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इस समूह ने देश में इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।
Published on:
24 Sept 2019 10:17 pm
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
