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ओएनजीसी अपनी ओर से तलाश रही संभावनाएं

रनवे के एक्सपेंशन की उम्मीद अभी बाकी

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सूरत

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Vineet Sharma

Aug 03, 2018

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ओएनजीसी अपनी ओर से तलाश रही संभावनाएं

सूरत. सूरत एयरपोर्ट के रनवे एक्सपेंशन की उम्मीद अभी बची हुई है। एक आरटीआइ में हुए खुलासे के मुताबिक ओएनजीसी अपनी ओर से पाइपलाइन के ऊपर रनवे एक्सपेंशन को लेकर संभावनाएं तलाश रही है। ओएनजीसी को इओआइ मेंं आई कंसलटेंट एजेंसियों के प्रस्ताव का इंतजार है।

सूरत एयरपोर्ट के समीप जहां रनवे का एक्सपेंशन प्रस्तावित है, उसके नीचे ओएनजीसी की पाइपलाइन जा रही है। ओएनजीसी के पाइपलाइन हटाने से इनकार के बाद माना जा रहा था कि रनवे एक्सपेंशन अब संभव नहीं है। एक आरटीआइ में हुए खुलासे के बाद रनवे के एक्सपेंशन की उम्मीद बची रह गई है। संजय इझावा की आरटीआइ के जवाब में ओएनजीसी ने बताया कि पाइपलाइन के ऊपर किस तरह रनवे का एक्सपेंशन किया जा सकता है, यह जानने के लिए उसने बीते दिसंबर में यूनिवर्सल टेंडर मंगाया गया था। इसमें देश की दो एजेंसियों समेत छह एजेंसियों ने प्रस्ताव दिए थे।

ओएनजीसी ने जून में मुम्बई में सभी छह एजेंसियों के साथ प्री बिड मीटिंग की, जिसमें एजेंसियों ने एयरपोर्ट और वहां की हालत को लेकर कुछ मुद्दे उठाए थे। ओएनजीसी ने एजेंसियों की चाही गई जानकारियों की सूची सूरत एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप दी थी, जिसका एयरपोर्ट प्रशासन ने जवाब भी दे दिया है। अब ओएनजीसी को सभी छह एजेंसियों के प्रस्ताव का इंतजार है। उनकी रिपोर्ट के बाद ही तय हो पाएगा कि रनवे का एक्सपेंशन संभव है या नहीं।

केले की फसल को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में शामिल करने की मांग

बारडोली. बारडोली के सांसद प्रभु वसावा ने केले की फसल को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में शामिल करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने लोकसभा में लिखित में प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने इस बारे मे प्रधानमंत्री को भी अवगत किया गया है। जानकारी के अनुसार दक्षिण गुजरात और खास कर सूरत जिले में बड़े पैमाने पर केले की फसल होती है। केले की फसल किसानों के लिए लॉटरी के समान है। अगर मौसम अच्छा रहा तो किसानों को फायदा और प्रतिकूल मौसम में पूरी फसल नष्ट हो जाती है। केले की फसल का बीमा नहीं होने के कारण केला उत्पादकों को मुआवजा नहीं मिलता। बारडोली सांसद प्रभु वसावा ने नियम 377 अधीन लोकसभा में अपनी बात रखी। इसमें कहा गया कि केले कि फसल को प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना में सम्मिलित किया जाए। किसानों के इस मामले से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अवगत कराया है।