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महाकाल देश को संबल प्रदान करे : प्रदीप गुरु

उज्जैन के ज्योर्तिलिंग महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु और उनके सहयोगी संजय गुरु का शुक्रवार को रिंग रोड के टैक्स प्लाजा में महाकाल...

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Provide prosperity to Mahakala country: Pradeep Guru

Provide prosperity to Mahakala country: Pradeep Guru

सूरत।उज्जैन के ज्योर्तिलिंग महाकाल मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु और उनके सहयोगी संजय गुरु का शुक्रवार को रिंग रोड के टैक्स प्लाजा में महाकाल संस्कार मंच के सदस्यों की ओर से स्वागत किया गया। इस मौके पर प्रदीप गुरु ने कश्मीर में सेना के काफिले पर आतंकियों के हमले की भत्र्सना करते हुए कहा कि इससे पूरा देश स्तब्ध है।

महाकाल वीरगति को प्राप्त होने वाले जवानों को चिर शांति तथा देशवासियों को संबल प्रदान करे। उन्होंने बताया कि उज्जैन में वीर परिवारों के लिए विशेष पूजा की गई है। कार्यक्रम में शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। मंच के अध्यक्ष सुनील नारायण पांडे, राम नरेश मिश्रा, धीरज उपाध्याय, सत्यनारायण गोयल, रंजित मिश्रा, मनोज मिश्रा, सुभाष पांडे, विहिप के जोगेन्द्र सहानी और अन्य व्यापारियों ने माल्यार्पण कर प्रदीप गुरु तथा उनके सहयोगी संजय गुरु का स्वागत कर आशीर्वाद लिया।

बारह किलो चांदी का मुकुट भेंट किया

महाकाल संस्कार मंच के सुनील नारायण पांडे ने बताया कि मकर संक्रांति पर उज्जैन के महाकाल मंदिर प्रांगण में गुरुजी के सहयोग से महारुद्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया था। उस दौरान महाकाल मंदिर को १२ किलो चांदी से बना कर मुकुट और पाट भेंट किया गया था।

नौ साल की आयुषी दीक्षा के बाद बनी साध्वी ऋषिरत्ना

वेसू तपागच्छ जैन संघ की ओर से आयोजित दीक्षा महोत्सव में शुक्रवार को आचार्य विजयरत्न चंद्र सूरी से मुमुक्षु आयुषी, अंजलि और आज्ञा की दीक्षा सम्पन्न हुई। इस मौके पर आराधना भवन पंडाल दीक्षार्थियों के जयकारों के गूंज उठा। सुबह छह बजे वेसू वेलेन्सिया के निकट राम विहार भूमि पर कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुमुक्षुओं ने संसारिक जीवन त्याग कर साध्वी वेष धारण किया। आचार्य ने मुमुक्षुओं को रजोहरण दिया। नौ वर्षीय आयुषी को साध्वी ऋशिरत्नाश्री, अंजली को साध्वी आर्षरत्नाश्री, आज्ञा को आत्मर्षि रत्नाश्री नाम दिया गया। दोपहर एक बजे तक चले कार्यक्रम में सैकड़ो श्रावक-श्राविकाएं मौजूद थे। पुणे से दीक्षा लेने आई आयुषी आकर्षण का केन्द्र रही। आचार्य के सानिध्य में २८ मार्च से तपोत्सव और मुंबई के गोरेगांव में चार्तुमास की घोषणा भी की गई।