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यहां बेमौसम भी मिलेगी सौगात फूलों की

डिंडोली के फ्लोरल पार्क में बनेगी कन्जर्वेटरी, पंखुडिय़ों की तर्ज पर खड़ा होगा स्ट्रक्चर

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सूरत

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Vineet Sharma

Oct 17, 2018

patrika

conservatory

विनीत शर्मा

सूरत. गर्मी के मौसम में सर्दी के फूल-पौधे और सर्दी के मौसम में गर्मी या मौसमी पौधों को देखने की हसरत जल्द हकीकत बनने जा रही है। मनपा प्रशासन डिंडोली के फ्लोरल पार्क में ऐसी कन्जर्वेटरी बनाने जा रहा है, जिसमें बेमौसम फूल खिलाए जाएंगे। यह स्ट्रक्चर पंखुडियों की तर्ज पर खड़ा होगा और नियंत्रित वातावरण में पौधों की देखभाल की जाएगी।

गुलाब को देखने के लिए शीत के मौसम पर निर्भरता या फिर ट्यूलिप या किसी और मौसम के फूल-पौधों को उगाने तथा सहेजने की विधा अब नई नहीं रह गई है। फूलों की व्यावसायिक खेती करने वाले किसान नियंत्रित वातावरण में सालभर इन्हें उगाते हैं। डॉमेस्टिक स्तर पर एक सार्वजनिक उद्यान में इस तरह का प्रयोग नया है।

सूरत महानगर पालिका ऐसा ही प्रयोग करने जा रही है। डिंडोली में बन रहे फ्लोरल पार्क में कन्जर्वेटरी बनाने की तैयारी है। इस कंजर्वेटरी में नियंत्रित वातावरण देकर पौधों को इस तरह उगाया जाएगा कि वह सालभर फूल दे सकें। इस प्रोजेक्ट के लिए मनपा प्रशासन ने करीब २.३० करोड़ रुपए का एस्टीमेट तैयार किया है। मनपा आयुक्त की हरी झंडी के लिए इसे टेंडर स्क्रूटनी कमेटी की बैठक में चर्चा के लिए रखा जा सकता है। वहां से मंजूरी के बाद मनपा अधिकारी इसकी टेंडर प्रकिया शुरू करने का मन बना चुके हैं।

घूमने-फिरने का नया ठिकाना

कंजर्वेटरी प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद डिंडोली और आसपास के लिए ही नहीं, शहरभर के लोगों को घूमने-फिरने का नया ठिकाना मिल जाएगा। यह क्षेत्र प्रवासी बहुल है और आइकन प्रोजेक्ट्स यहां लाने में मनपा प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगता रहा है। अवकाश के दिनों में इस क्षेत्र के लोग घूमने-फिरने के लिए शहर के दूसरे हिस्सों का रुख करते हैं। मनपा प्रशासन की कोशिश है कि हर जोन क्षेत्र में कोई न कोई ऐसा आइकन प्रोजेक्ट तैयार किया जाए, जिससे लोगों को तफरीह के लिए बाहर जाना मजबूरी नहीं लगे।

इस तरह का होगा ढांचा

पार्क के बीचों-बीच खिलते फूल का आभास देती आठ पंखुडिय़ों की कंजर्वेटरी बनाई जाएगी। इसमें चार बड़ी और चार छोटी पंखुडिय़ां होंगी। इसमें यह खयाल रखा जाएगा कि पौधों की जरूरत के अनुरूप नमी और तापमान बना रहे। कंजर्वेटरी का बेस डायमीटर 34 मीटर और कुल क्षेत्रफल 625 वर्गमीटर रहेगा। इसमें 410 वर्गमीटर क्षेत्र में पौधे रोपे जाएंगे और नमी बनाए रखने के लिए 35 वर्गमीटर में जलक्षेत्र तैयार किया जाएगा।