
इतनी आसान भी नहीं इस रास्ते की राह
सूरत. उधना स्टेशन से सहारा दरवाजे तक सीधे रास्ते का मुद्दा शुक्रवार को भाजपा की संकलन बैठक और स्थाई समिति की बैठक में उठा। दोनों जगह रास्ते के लिए जमीन की उपलब्धता पर चर्चा हुई। स्थाई समिति प्रमुख अनिल गोपलाणी ने कहा कि अभी यह साफ नहीं है कि प्रस्तावित रूट पर मनपा के पास जमीन है या नहीं। रास्ते के लिए सरकार से जगह लेनी होगी या फिर रेलवे से बात करनी होगी। प्रस्तावित रास्ते पर आगे बढऩे से पहले सर्वे कराया जाना जरूरी है।
शहर में बड़ी आबादी को उधना स्टेशन से सहारा दरवाजा तक आने के लिए परवत पाटिया होकर आना पड़ता है या उधना तीन रास्ता तक की परिक्रमा करनी पड़ती है। मनपा संचालित स्मीमेर अस्पताल तक जाने के लिए भी लोगों को इसी घुमावदार चक्कर से होकर गुजरना पड़ता है। इमरजेंसी में यह डायवर्जन लोगों के लिए खासा मुश्किलभरा होता है। श्रमिक आबादी के इस हिस्से के लोगों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए अतिरक्ति समय और पैसा खर्च करना पड़ता है। इन मुश्किलों को देखते हुए लोग उधना स्टेशन से सहारा दरवाजा तक सीधी कनेक्टिविटी की मांग कर रहे हैं।
राजस्थान पत्रिका ने शुक्रवार के अंक में ‘फ्लाइओवर्स और पुलों के साथ अब सीधे रास्ते की भी दरकार’ शीर्षक से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। समाचार प्रकाशित होते ही मनपा में सत्तापक्ष सक्रिय हुआ। शुक्रवार शाम हुई स्थाई समिति की बैठक से पहले सुबह हुई संकलन की बैठक में यह मुद्दा उठा और इस पर आगे बढऩे पर सहमति बनी। शाम को हुई स्थाई समिति की बैठक में भी यह मामला उठा। चर्चा के दौरान समिति प्रमुख अनिल गोपलाणी ने साफ किया कि प्रस्तावित रास्ते पर जमीन की उपलब्धता देखनी होगी। समानांतर रास्ते पर जमीन यदि रेलवे की हुई तो उसे हासिल करना टेढ़ी खीर साबित हो सकता है। मनपा की जमीन मिलती है तो हम आगे बढ़ सकते हैं। राज्य सरकार की मालिकी की जमीन पर भी प्रोजेक्ट के लिए इसे सरकार से मांग सकते हैं। उन्होंने कहा कि जमीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पहले रूट का सर्वे कराए जाने की जरूरत है। तय हुआ कि संबंधित विभागीय अधिकारियों को इस रूट के सर्वे के लिए कहा जाएगा। सर्वे रिपोर्ट अनुकूल आने के बाद ही मनपा प्रशासन इस पर आगे बढ़ेगा।
यह है मामला
रेलवे पटरी के समानांतर उधना स्टेशन से सहारा दरवाजा तक सीधा रास्ता नहीं होने के कारण लोग लंबा चक्कर काटने को मजबूर हैं। इसके लिए उन्हें या तो परवत पाटिया होकर सहारा दरवाजा की तरफ जाना पड़ता है या उधना तीन रास्ता होकर। इससे समय अधिक लगता है और पैसा भी ज्यादा खर्च होता है। यह रास्ता बनता है तो उधना, लिंबायत, नवागाम, डिंडोली और आंजणा विस्तार के लोगों को सहारा दरवाजा की ओर के लिए घूमकर जाने से निजात मिल जाएगी। सूरत स्टेशन, बस अड्डे, स्मीमेर हॉस्पिटल और टैक्सटाइल मार्केट तक पहुंच आसान हो जाएगी।

Updated on:
31 Aug 2018 09:19 pm
Published on:
31 Aug 2018 09:02 pm
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