
विकास के रास्ते पर अब सरपट दौड़ेगा सूरत
सूरत. सूरत मनपा और सूडा ने 2035 के जिस सूरत का सपना देखा था, राज्य सरकार ने गुरुवार को उस पर मुहर लगा दी। राज्य सरकार से डपवलपमेंट प्लान 2035 को मंजूरी मिलने के बाद सूरत अब विकास के रास्ते पर सरपट दौड़ेगा। नए उद्योग-धंधे आएंगे तो शहर में रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। इसके बाद तय है कि अगले 15 वर्ष में अर्थतंत्र का पहिया शहर में और तेजी से घूमेगा। राज्य सरकार के इस फैसले से जहां बुलेट ट्रेन और डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर की राह आसान होगी, अहमदाबाद-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर कामरेज से पलसाना तक विकास की नई कहानी लिखी जाएगी। हजीरा क्षेत्र के योजनाबद्ध औद्योगिक विकास को भी गति मिलेगी और औद्योगिक विकास गलियारे के काम में तेजी आएगी। राज्य सरकार के इस निर्णय से सूरत को स्मार्ट सिटी बनाने की मुहिम तेज होगी।
सूडा ने सूरत और सूडा की 1085 वर्गकिमी जमीन के लिए डीपी 2035 तैयार कर मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजी थी। इसमें 850 हैक्टेअर भूमि निर्माण और विकास के लिए रखी गई है। डीपी को मंजूरी मिलने के बाद किसानों और जमीन मालिकों को सबसे ज्यादा फायदा होगा। इसके अलावा अहमदाबाद-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग पर कामरेज से पलसाना तक 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में उच्च घनत्व आवासीय और वाणिज्यिक विकास का रास्ता भी साफ हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन का प्रस्तावित स्टेशन इसी क्षेत्र में है। इसके अलावा कामराज-पलसाना कॉरिडोर, हाई स्पीड कॉरिडोर जैसे प्रस्तावों पर अमल के बाद बुलेट ट्रेन, मेट्रो रेलवे और परिवहन सुविधाओं को नई दिशा देगी।
डीपी 2035 में प्रस्तावित औद्योगिक विकास गलियारा के बनने से हजीरा क्षेत्र में औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। यही नहीं, इस फैसले से शहर में रोजगार के नए अवसर बढ़ेंगे और नए उद्योगों के आने से शहर की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। डीपी 2035 की टीपी योजनाओं को नए जोन क्षेत्र खासकर उच्च घनत्व वाले गलियारों में लागू किया जाएगा। जानकारों के मुताबिक बुनियादी सुविधाओं के साथ ही 2035 में नए सूरत को गढऩे का रास्ता साफ हुआ है। जानकारों के मुताबिक डीपी 2035 को मंजूरी देकर मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने सूरत शहर के विकास की राह खोली है।
Published on:
08 Oct 2020 08:15 pm
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