
SURAT SPECIAL NEWS: कहीं दिखी मार्ग में सेवा तो कहीं रास्ते से पंडाल नदारद
सूरत. रास्ते में छोटी-बड़ी गणपति प्रतिमाओं के साथ श्रद्धालुओं का हुजूम तो था मगर उनकी सेवा के लिए सेवा पंडाल व सेवाधारी नहीं थे। शायद ऐसा अनंत चतुर्दशी के मौके पर गणपति विसर्जन शोभायात्रा के दौरान सूरत में पहली बार हुआ होगा। हालांकि कुछ रास्तों पर अवश्य स्वयंसेवी संगठनों के सेवा पंडाल थे, लेकिन जिन रास्तों से होकर भारी भीड़ यात्रा के साथ जाती है उन पर सेवा पंडाल गुरुवार को नदारद थे।
प्रशासनिक अनुमति का अभाव जहां विसर्जन शोभायात्रा के दौरान सेवाभावी संस्थाओं को मायूस किया वहीं, दूर-दूर से गणपति प्रतिमाओं के साथ पैदल-पैदल आए हजारों यात्रियों के लिए भूख-प्यास झेलने का कारण भी बना। शहर में ज्यादातर बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन हजीरा, मगदल्ला व डुमस समुद्र तट पर होता है और गुरुवार को भी यहां पहुंचने के लिए हजारों श्रद्धालु उधना-मगदल्ला रोड, गौरव पथ, वीआईपी रोड होकर गए। गतवर्ष तक इन तीनों रास्तों पर दर्जनों सेवाभावी संस्थाओं के सेवा पंडाल होते थे और यहां सुबह से देर शाम तक सेवाधारी दौड़-दौड़कर श्रद्धालुओं की भूख-प्यास दूर करने की मनुहार करते दिखते थे। इनमें महिलाएं व बच्चे भी पीछे नहीं रहते थे। लेकिन, इस बार प्रशासनिक अनुमति के अभाव में इन तीनों मार्ग पर सेवा पंडाल नजर नहीं आए और नतीजन हजारों श्रद्धालुओं को शोभायात्रा में भूख-प्यास बर्दाश्त करते हुए चलना पड़ा।
-यहां थे सेवा पंडाल :
डुमस रोड पर टीजीबी के निकट श्रीलक्क्ष्मीनाथ सेवा समिति की ओर से सेवा पंडाल में गुरुवार तड़के से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी जो कि गुरुवार शाम तक रही। यहां समिति के सदस्य व पदाधिकारियों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं छाछ पिलाई व वड़ापाव खिलाए। इसके अलावा रिंगरोड पर श्रीखेड़ापति बालाजी सत्संग सेवा ट्रस्ट, श्रीबांकेबिहारी सेवा समिति, लायंस इंटरनेशनल क्लब, माहेश्वरी नवयुवक मंडल के अलावा भटार चौराहा व शहर के अन्य स्थलों पर विभिन्न संस्थाओं की ओर से सेवा पंडाल लगाए गए।
Published on:
28 Sept 2023 09:22 pm
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