
Takshashila Agnikand: केस फास्ट ट्रेक में चलाने की अभिभावकों की मांग, मृतकों का स्मारक बनाया जाए
Takshashila Agnikand: सूरत समेत देशभर के लोगों को स्तब्ध करने वाले तक्षशिला अग्निकांड को मंगलवार तीन साल पूर्ण होने पर अभिभावकों और वराछा की जनता ने 22 मृतकों को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित की। न्याय के लिए इंतजार कर रहे अभिभावकों ने केस को फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने की मांग की।
24 मई, 2019 को सरथणा जकात नाका के पास तक्षशिला आर्केड में भीषण आग लगने से 22 विद्यार्थियों की मौत हो गई थी। मंगलवार को इस दर्दनाक घटना को तीन साल पूरे होने पर सुबह मृतक विद्यार्थियों के अभिभावक और बड़ी संख्या में लोग तक्षशिला आर्केड के पास इकठ्ठे हुए और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अभिभावकों ने जल्द न्याय के लिए सुनवाई फास्ट ट्रेक कोर्ट में चलाने की मांग की। अभिभावकों ने कहा कि मृतकों की याद में स्मारक बनाना चाहिए, जिससे भविष्य में प्रशासन की इस तरह की भूल का कोई निर्दोष शिकार न बने।
अधिकारियों को बचाने का आरोप
अभिभावकों ने प्रशासन पर आरोप लगाया कि पूरे मामले में दमकल विभाग के चीफ फायर ऑफिसर बसंत पारीक और अधिकारी केतन पटेल तथा आकारणी विभाग के अधिकारियों की भी हादसे में जिम्मेदारी हैं इसके बावजूद उन्हें आरोपी बनाने के बजाय उन्हें बचाया जा रहा हैं।
14 में से एक ही अभियुक्त जेल में
तीन साल पहले हुए अग्निकांड मामले में पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर एक-एक कर कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मनपा अधिकारी, दमकल अधिकारी, बिजली कंपनी के अभियंता, बिल्डर और ट्यूशन संचालक शामिल हैं। इनमें से 13 अभियुक्त सशर्त जमानत पर बाहर है। जबकि सिर्फ ट्यूशन संचालक भार्गव बुटाणी न्यायिक हिरासत में कैद है।
Published on:
24 May 2022 07:52 pm
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