
सूरत.
'पद्मावतÓ के प्रदर्शन पर रोक लगाने के लिए मंगलवार को राजस्थान और हरियाणा सरकार की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट की तरफ से खारिज किए जाने के बावजूद 25 जनवरी को यह फिल्म सूरत के सिनेमाघरों में पहुंचेगी या नहीं, इसको लेकर संशय बना हुआ है। कलक्टर से सुरक्षा का भरोसा मिलने के बाद भी थिएटर संचालक फिल्म दिखाने को तैयार नहीं हैं। हंगामे के डर से थिएटरों में फिल्म के पोस्टर भी नहीं लगाए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने 'पद्मावतÓ को थिएटरों में प्रदर्शित करने को हरी झंडी दे दी है। देशभर में इसे 25 जनवरी को प्रदर्शित किया जाएगा, लेकिन फिल्म को लेकर विरोध बरकरार है। करणी सेना के साथ अन्य कई संगठनों ने फिल्म दिखाने पर थिएटरों में तोडफ़ोड़ की चेतावनी दी है। फिल्म को लेकर सोमवार को कलक्टर की अध्यक्षता में शहर के थिएटर मालिकों की बैठक हुई थी। इसमें कलक्टर ने थिएटरों को सुरक्षा प्रदान करने का भरोसा दिया, लेकिन थिएटर मालिक फिल्म को प्रदर्शित नहीं करना चाहते। उनका कहना है कि एक फिल्म के लिए वह दर्शकों और कर्मचारियों की सुरक्षा को जोखिम में नहीं डालना चाहते। फिलहाल ज्यादातर थिएटरों ने फिल्म को प्रदर्शित नहीं करने का फैसला किया है।
कोई जोखिम नहीं चाहते
फिल्म को लेकर काफी विवाद हुआ है। हमें किसी तरह का जोखिम नहीं लेना है। दर्शकों के साथ कर्मचारियों पर भी मुसीबत आ सकती है। इसलिए फिलहाल फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।
आशीष जैन, मालिक, सीटी प्लस
समय देखकर फैसला
जितने भी थिएटर मालिकों से बात हुई है, सभी इस फिल्म को प्रदर्शित कर आफत से नहीं घिरना चाहते। फिल्म 25 जनवरी को प्रदर्शित नहीं की जाएगी। आगे समय देखकर इस पर फैसला किया जाएगा।
निशांत जयसवाल, मालिक, वेलेंटाइन
दी जाएगी सुरक्षा
सभी थिएटर मालिकों को सुरक्षा देने का भरोसा दिया है। जो भी फिल्म प्रदर्शित करना चाहता है, उसे सुरक्षा दी जाएगी। अभी तक किसी ने फिल्म को लेकर सुरक्षा नहीं मांगी नहीं है। फिल्म प्रदर्शित करने की सूचना भी नहीं दी है।
महेन्द्र पटेल, कलक्टर
19 और पकड़े, २९ की खोज जारी
सूरत. फिल्म 'पद्मावतÓ के खिलाफ सूरत में रविवार को हुई हिंसक घटनाओं के सिलसिले में पुलिस की कार्रवाई जारी है। मंगलवार को 19 और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही अब तक पकड़े गए आरोपियों की संख्या ४२ हो गई है। इसके अलावा २९ और लोगों के नाम सामने आए हैं, जिनकी खोज जारी है। शहर पुलिस आयुक्त सतीष शर्मा ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि पकड़े गए आरोपियों में पूणागाम थाना क्षेत्र में महिला पुलिसकर्मी के साथ दुव्र्यवहार करने वाले दो आरोपी शामिल है। १९ आरोपियों में से सात को एक दिन के रिमांड पर लिया गया है। इनसे पूछताछ में पता चला है कि कतारगाम में जो घटना हुई थी, उसमें करणी सेना, महाकाल सेना, सूर्या सेना और भवानी सेेना के लोग शामिल थे। इन घटनाओं में इन संगठनों के लीडरों या अन्य लोगों की क्या भूमिका थी, और कौन लोग इसके पीछे थे, इस बारे में जांच की जा रही है। जिन लोगों की लिप्तता सामने आएगी, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने कहा कि शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की जिम्मेदारी है। इसके लिए पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद है। रविवार के बाद शहर में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। शहर की शांति भंग करने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उत्पात मचाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि रविवार को फिल्म के विरोध में शहर में कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शन हुए थे। एक बस में तोडफ़ोड़ की गई तथा कई स्थानों पर पुलिसकर्मियों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़पें भी हुईं। एक महिला पुलिसकर्मी के साथ दुव्र्यवहार का मामला भी सामने आया था। इस संबंध में पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ विभिन्न थानों में पांच मामले दर्ज किए थे।
पुलिस लेगी 'ब्रह्मास्त्रÓ का सहारा
शहर पुलिस आयुक्त सतीष शर्मा ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों को जमानत मिलने के बाद भी उनके खिलाफ सीआरपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत क्राइम प्रिवेंशन के लिए कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) को पुलिस का ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है।
Published on:
23 Jan 2018 09:13 pm
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