22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कलर के दाम में तीस प्रतिशत की बढ़ोतरी, प्रोसेसर बेहाल

साढ़े तीन महीने से लगातार बढ़ती कीमत के कारण उद्यमी हुए हताश

2 min read
Google source verification
file

कलर के दाम में तीस प्रतिशत की बढ़ोतरी, प्रोसेसर बेहाल

सूरत.

जीएसटी के कारण एक साल से जॉबवर्क कम होने से हताश प्रोसेसर्स को कलर की बढ़ती कीमतों ने चिंतित कर दिया है। मार्च से अब तक कलर की कीमत में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा केमिकल, मजूरी, बिजली खर्च, पानी,यातायात खर्च सहित अन्य खर्चो में भी बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन जॉबवर्क नहीं बढ़े। प्रोसेसर्स का कहना है कि परिस्थिति नहीं सुधरी तो प्रोसेसर्स के लिए टिका रहना मुश्किल होगा।
प्रोसेसर्स के अनुसार कलर की कीमतों में मार्च से लेकर अब तक तीन बार बढ़ोतरी हो चुकी है। चीन में प्रदूषण बढऩे के कारण वहां की सरकार कलर बनाने वाली कंपनियों पर सख्त नियम लागू कर रही है। इस कारण वहां कलर -केमिकल के कई यूनिट बंद हो जाने से उत्पादन घटा है। इस कारण 15 जून को भी कलर के दाम बढ़ा दिए गए। मार्च से जून तक में अब तक कीमत में औसतन तीस प्रतिशत उछाल आया है। इसके अलावा श्रमिकों के वेतन, यातायात खर्च, बिजली बिल सहित अन्य तमाम खर्च में बढ़ रहे हैं। इससे प्रोसेसर्स परेशान हो गए हैं। प्रोसेसर्स का कहना है कि एक ओर जीएसटी के कारण व्यापार प्रभावित होने से जॉबवर्क कम मिल रहा है। प्रोसेसर्स जैसे-तैसे अपना काम चला रहे हैं। दूसरी ओर कम जॉबवर्क मिलने और उद्यमी संगठित नहीं होने के कारण प्रोसेसर्स जॉबवर्क भी नहीं बढ़ा पा रहे, यदि वह जॉबवर्क बढ़ाने की बात करते हैं तो व्यापारी दूसरी जगह से जॉबवर्क कराने लगते हैं।

कलर की कीमत में बढोतरी(प्रतिशत)
नाम 1 मार्च-18 1 मई-18 15 जून-18
ब्ल्यू बीजी - - 44
रूबिन&8 4.51 14.09 21.&9
लूमिनल येलो 12.17 11.17 10.8&
ग्रे बीआरएस 5.&7 14.&5 9.56

वराछा में लोगों को पानी की किल्लत से जूझना पड़ रहा है।
वराछा की मातृशक्ति सोसायटी के कुछ परिवार बीते एक माह से पानी की किल्लत से परेशान हैं। कभी पानी की आपूर्ति नहीं होती तो कभी कम प्रेशर का पानी उनके घरों में आता है। लोगों का आरोप है कि उनके घरों के आगे और पीछे की सोसायटियों में पूरा पानी मिल रहा है, लेकिन उन्हें दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। यही नहीं डोर टु डोर कचरा उठाने के लिए गाड़ी भी इनके क्षेत्र में नहीं आ रही। लोगों ने बताया कि बीते एक वर्ष से ये लोग निजी स्तर पर कचरा को कचरा पेटी में भिजवा रहे हैं। इस मामले को लेकर पार्षद विजय पानसुरिया पीडि़त महिलाओं के साथ शुक्रवार को अधिकारियों से मिले और अधिकारियों को प्रकरण से अवगत कराया। महिलाओं ने चेतावनी दी कि यदि सात दिन के भीतर उन्हें मुश्किलों से निजात नहीं मिली तो आंदोलन किया जाएगा।