
ब्रिटिश अदालत से माल्या को बड़ा झटका, कहा- समय से बैंकों की लागत को चुकाए
नर्इ दिल्ली। देश के बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए लूटकर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को आज ब्रिटिश अदालत से एक बड़ा झटका लगा है। विजय माल्या के कथित बकाया राशि वसूलने के लिए अपनी लड़ाई में 13 भारतीय बैंकों द्वारा किए गए खर्च की ओर से 200,000 पाउंड का भुगतान करने का आदेश दिया है। पिछले महीने, न्यायाधीश एंड्रयू हेन्शॉ ने माल्या की संपत्ति को फ्रिज करने के आदेश को खत्म करने से इंकार कर दिया था। ब्रिटिश कोर्ट ने भारतीय अदालत के इस फैसले को बरकरार रखा था जिसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के नेतृत्व में 13 भारतीय बैंकों का एक संघ लगभग 1.145 बिलियन पाउंड की राशि वसूलने का हकदार है।
देना होगा संपत्तियों को फ्रिज करने के लिए रजिस्ट्रेशन फीस
अपने फैसले में कोर्ट ने कहा है कि, दुनियाभर की सभी संपत्तियों को फ्रिज करने पर लगने वाले सभी तरह के रजिस्ट्रेशन का खर्च भी माल्या को ही देना होगा। कोर्ट ने कहा है ये खर्च माल्या बैंकों को ही देंगे। मानक आदेश यह है कि अदालत उन लागतों का आकलन करेगी जब तक कि पार्टियां किसी भी आंकड़े से सहमत न हों। लेकिन तब तक माल्या को 20,000 पाउंड की राशि लीगल काॅस्ट लायबिलीटी के तौर पर भरना होगा।
क्या कहा गया नोटिस में
अदालत के तरफ से जारी नोटिस में कहा गया था कि "अपील की अनुमति के लिए पहला प्रतिवादी (माल्या) आवेदन अस्वीकार कर दिया गया है। अपील की अनुमति के लिए कोई और आवेदन अदालत के एक न्यायाधीश द्वारा निपटाए जाने वाले अपील न्यायालय में किया जाना चाहिए।" आपको बता दें कि करीब 9000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी आैर मनी लाॅन्ड्रिंग के आरोपी विजय माल्या को प्रत्यर्पण से बचने की लड़ार्इ लड़ रहा है। इसके लिए उसने ब्रिटिश कोर्ट में एक अपील दायर की थी जिसपर सुनवार्इ चल रही है।
अगले महीने होने वाली है अंतिम सुनवार्इ
अदालत ने साफ कर दिया है कि इसकी अनुमति तभी मिलेगी जब तक कोर्ट में ये साबित नहीं हो जाता है कि इससे बचने के लिए माल्या के पास कोर्इ ठोस कारण हो। इसी समय माल्या लंदन के वेस्टमिन्सटर में आ चुका है ताकि अगले महीने इस मामलें की अंतिम सुनावार्इ पूरी हो सके। इस मामले की अंतिम सुनवार्इ में डिफेंस टीम के तौर भारत के तरफ से क्राउन प्राॅस्पेक्टिक सर्विस (सीपीएस) हिस्सा लेगी। ये सुनवार्इ पहले 11 जुलार्इ को होनी थी लेकिन अब संभावना है कि ये 31 जुलार्इ तक टल सकती है।
आपको बात दें कि पिछले साल अप्रैल में हिरासत में लिए जाने के विजय माल्या फिलहाल बेल पर है। सीपीएस का मानना है कि, उसने इस कारोबारी के खिलाफ सफलतापूर्वक फ्राॅड के आरोप पर केस तैयार कर लिया है आैर अब इसके बाद माल्या के लिए बचना आसान नहीं होगा। वहीं दूसरी तरफ माल्या के वकील का कहना है कि, उनके क्लाइंट के खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं वो पूरी तरह से निराधार हैं आैर राजनीतिक तौतर पर प्रेरित हैं। उन्होंने कहा है कि मानवाधिकार के आधार पर भी हम मजबूत हैं।
Published on:
15 Jun 2018 09:08 pm
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
