गिरफ्तारी से पहले बसावा ने बयान जारी कर कहा कि पुलिस बीते कुछ दिनों से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी केवडिया क्षेत्र में आदिवासियों व महिलाओं के खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई कर रही है। इसके विरोध में रविवार को आदिवासी समाज ने केवडिया जाने का ऐलान किया था। केवडिया क्षेत्र के गांवों में जिन महिलाओं को मारा गया है, जिन आदिवासियों की जमीनों पर जबरन कब्जा किया जा रहा है, उन पीडि़त आदिवासियों से मिलने नहीं दिया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि कि लॉकडाउन की आड़ में गुजरात सरकार तानाशाह बन गई है।
केवडिया मुद्दे पर आदिवासी विधायक ने जताई नाराजगी झगडिया के विधायक छोटू बसावा ने केवडिया में चल रहे विवाद पर गहरी नाराजगी व्यक्त कर सोमवार को कहा कि सरकार अनुसूची पांच का उल्लंघन कर रही है। स्टेच्यू ऑफ यूनिटी अब स्टेच्यू ऑफ डिस्प्लेसमेंट बन रही है। पर्यटन के नाम पर आदिवासियों को परेशान किया जा रहा है। होटल व रिसोर्ट खोलने के लिए उन्हें विस्थापित किया जा रहा है।
सड़क पर बैठ गये आदिवासी केवडिया व आसपास के आधा दर्जन गांवों में प्रशासन की ओर से की जा रही फैंसिग का विरोध किया जा रहा है। फैंसिग के विरोध में आदिवासियों ने सोमवार को प्रदर्शन किया। आदिवासी नेताओं की धरपकड़ के बाद सैकड़ों की संख्या में आदिवासियों ने केवडिया कूच किया जिसे पुलिस ने रोक दिया। पुलिस के रोकने पर आधा दर्जन गांवों के लोग परिवार के साथ सड़क पर ही धरने पर बैठ गये। प्रशासन की ओर से काफी देर समझाने के बाद आदिवासी वापस जाने के लिए निकले।