
सूरत. वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए खरीदी गई बस पड़ी-पड़ी कबाड़ होती जा रही है। बस पिछले चार साल से वीएनएसजीयू परिसर में धूल खा रही है। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए इसे सांसद निधि से खरीदा गया था। बस को लेकर विश्वविद्यालय में नियम नहीं होने के कारण यह रोड से दूर है।
परिसर की शोभा
आखिरकार वीएनएसजीयू के तत्कालीन कुलपति डॉ.दक्षेश ठाकर के कार्यकाल में दिसम्बर 2013 में नवसारी सांसद सी.आर. पाटिल की ओर से विश्वविद्यालय को बस प्रदान करने की घोषणा की गई। सांसद की सहायता निधि से वीएनएसजीयू को बस के लिए अनुदान दिया गया। बस तो ले ली गई है, लेकिन तब से यह वीएनएसजीयू परिसर की शोभा बढ़ा रही है। यह विद्यार्थियों के किसी काम नहीं आ रही है। बीआरटीएस रूट और सिटी बसों से विद्यार्थियों को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन वीएनएसजीयू से रेलवे स्टेशन जाने के लिए ज्यादातर विद्यार्थी ऑटो का सहारा लेते हैं।
चार साल में एक बार भी नहीं चली
वीएनएसजीयू ने बस को रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू के बीच चलाने का फैसला किया था, लेकिन चार साल में यह एक बार भी स्टेशन से वीएनएसजीयू रोड पर नहीं चली। बस कुलपति के कार्यालय के पीछे खड़ी है। इस्तेमाल नहीं होने के कारण इस पर धूल चढ़ गई है।
यह है दिक्कत
बस को कैसे चलाया जाए, वीएनएसजीयू के लिए यह बड़ा सवाल है। बस के चालक और क्लीनर को वेतन कौन देगा, चालक और क्लीनर की नियुक्ति कैसे की जाएगी, बस के ईंधन और रख-रखाव का पैसा कौन देगा, रेलवे स्टेशन से वीएनएसजीयू का किराया कितना वसूला जाए, इन सब पर फैसला नहीं होने से बस नहीं चल पाई है।
ठेकेदार का इनकार
विश्वविद्यालय प्रशासन ने बस को लेकर सिटी बस चलाने वाले निजी ठेकेदार से संपर्क किया था, लेकिन ठेकेदार ने वीएनएसजीयू की बस चलाने का जिम्मा लेने से इनकार कर दिया।

Published on:
03 Feb 2018 11:59 am
बड़ी खबरें
View Allसूरत
गुजरात
ट्रेंडिंग
