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VNSGU : प्राध्यापकों का एक शोध पत्र जर्नल में होना अनिवार्य

वीर नर्मद दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय (वीएनएसजीयू) के प्राध्यापकों को अब अनिवार्य रूप से कम से कम एक शोध पत्र जर्नल में प्रकाशित करना होगा। वीएनएसजीयू की इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल (आईक्यूएसी) ने यह फैसला किया है। साथ ही प्राध्यापकों को देश-विदेश के कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने के साथ आयोजित भी करना पड़ेगा।

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VNSGU : प्राध्यापकों का एक शोध पत्र जर्नल में होना अनिवार्य

VNSGU : प्राध्यापकों का एक शोध पत्र जर्नल में होना अनिवार्य

- वीएनएसजीयू ग्रेडिंग के साथ रैंकिंग में भी पीछे :
गुजरात के दूसरा सबसे बड़ा विश्वविद्यालय वीएनएसजीयू को शोध में पीछे होने के कारण ग्रेडिंग के साथ रैंकिंग में भी पीछे रहना पड़ रहा है। शोध में पीछे होने के कारण नेक की ग्रेडिंग में ए ग्रेड से डी-ग्रेड होकर बी प्लस प्लस होना पड़ा। इसके अलावा केंद्र की ओर से शुरू किए गए शोधगंगा प्रोजेक्ट की रैंकिंग में भी वीएनएसजीयू को पीछे होना पड़ा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत देश के सभी विश्वविद्यालयों व शिक्षा संस्थानों को शोध के थीसिस शोधगंगा पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है।

- वीएनएसजीयू गुजरात में चौथे क्रम पर :
वीएनएसजीयू की ओर से 3,301 ही थीसिस ही अपलोड किए हैं। इस आंकड़े के चलते वीएनएसजीयू गुजरात में चौथे क्रम पर है। टॉप-10 वाले विश्वविद्यालयों ने 10 हजार से अधिक थीसिस अपलोड किए हुए हैं। वीएनएसजीयू की आईक्यूएसी की बैठक में शोध को वेग देने के मुद्दे पर चर्चा हुई। आईक्यूएसी ने वीएनएसजीयू के प्राध्यापकों को कम से कम एक शोध पत्र जर्नल में प्रकाशित करने का तय किया है।
- निरीक्षक पर भी होगी कार्रवाई :
निरीक्षक पर भी होगी कार्रवाई नकलचियों को पकड़ने के लिए अब वीएनएसजीयू गुजरात बोर्ड की तरह महाविद्यालयों से परीक्षा खंड की सीसी फुटेज देने के भी आदेश दिया है। फुटेज में परीक्षा खंड निरीक्षक की भूमिका शंकास्पद नजर आए, तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।