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ऐसा क्या हुआ कि अचानक गिर गया पानी का पीएच मान?

गालैंड का टैंकर, जहरीला केमिकल, सूरत में हो रहा था खाली, मौके पर पहुंची मनपा टीम, टैंकर छोड़ भागे आरोपी, जीपीसीबी ने लिया सैंपल

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सूरत

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Vineet Sharma

Dec 03, 2019

ऐसा क्या हुआ कि अचानक गिर गया पानी का पीएच मान?

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सूरत. सूरत महानगर पालिका प्रशासन उस वक्त हैरान रह गया जब नागालैंड पासिंग टैंकर से जहरीले केमिकल को ड्रेनेज लाइन में डाला जा रहा था। मौके पर मनपा टीम को देख आरोपी टैंकर छोडक़र फरार हो गए। मनपा की सूचना पर पहुंची गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सैंपल लिए हैं।

मनपा प्रशासन के मुताबिक बीते करीब दो माह से ड्रेनेज सुएज वेस्ट का पीएच जो आमतौर पर 6.5 से 8.5 के बीच रहता है, घटकर 2.0 रह गया था। यह उसी स्थिति में होता है, जब सुएज में जहरीला केमिकल ट्रीट किए बगैर डाला जा रहा हो। यह स्थिति देख मनपा की ड्रेनेज टीम को समझ आ गया था कि शहर में सुएज नेटवर्क में केमिकल डाला जा रहा है। इसके बाद मनपा के ड्रेनेज विभाग ने जीपीसीबी को सूचना देने के साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स गठित की जो शहरभर में पेट्रोलिंग कर मामले को समझने की कोशिश कर रही थी।

इस टीम को मंगलवार तडक़े साढ़े चार बजे उस वक्त पहली सफलता मिली जब भेस्तान रेलवे स्टेशन के समीप उम्मेदनगर के पास एक टैंकर मेनहोल में केमिकल खाली करने की कोशिश में था। मनपा की टीम को मौके पर देख चालक व अन्य साथी टैंकर छोडक़र फरार हो गए। टैंकर का नंबर देखकर मनपा अधिकारियों ने कोड तलाश किया तो पता चला कि यह टैंकर नागालैंड पासिंग है। मनपा की सूचना पर गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम भी मौके पर पहुंच गई और केमिकल का सैम्पल लिया। मनपा ने सचिन पुलिस थाने में भी मामले की शिकायत दी है।

यह पड़ रहा था असर

सुएज वेस्ट का पीएच गिरने का असर बमरोली सुएज ट्रीटमेंट प्लांट पर पड़ रहा था। प्लांट का बायलॉजिकल ट्रीटमेंट सिस्टम डिस्टर्ब हो गया था। इसकी वजह से मनपा के 40 एमएलडी क्षमता के टर्सरी ट्रीटमेंट प्लांट की उत्पादन क्षमता घट गई थी। 40 एमएलडी का प्लांट 30 एमएलडी से कम पानी ट्रीट कर पा रहा था। टर्सरी ट्रीटेड पानी मनपा प्रशासन पांडेसरा की जल आधारित इकाइयों को देता है।

बड़ा हो सकता है मामला

अधिकारियों के मुताबिक जिस तरह से सुएज का पीएच घटकर २.० तक रह गया था, वह साधारण केमिकल से संभव नहीं है। जानकारों के मुताबिक सूरत में ऐसा कोई केमिकल प्लांट होगा इसकी संभावना कम ही है। हालांकि सूरत के पास अंकलेश्वर, झगडिय़ा, वापी और अन्य औद्योगिक पट्टी में खतरनाक केमिकल की कई कंपनियां हैं। केमिकल का ज्यादा खतरनाक होना और टैंकर का नागालैंड पासिंग होना किसी बड़ी साजिश का संकेत दे रहे हैं। यह तो जीपीसीबी की रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा कि टैंकर में किस तरह का केमिकल था।