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क्या थी उनकी मोडस ऑपरेंडी?

महिला को भी रखते थे गिरोह में, एलसीबी ने तीन लुटेरों को किया गिरफ्तार, सीसीटीवी फुटेज बनी मददगार

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सूरत

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Vineet Sharma

Dec 09, 2019

क्या थी उनकी मोडस ऑपरेंडी?

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नवसारी. एलसीबी ने हाइवे ग्रिड ओवरब्रिज के पास से तीन लुटेरों को गिरफ्तार किया है। तीनों आंध्र प्रदेश के नेल्लोर गिरोह के सदस्य बताए गए हैं। पुलिस ने इनसे पूछताछ के बाद नवसारी, सूरत और तापी जिले में हुए सात अपराधों का सुलझाने का दावा किया है।

एलसीबी को सोमवार को सूचना मिली कि बैंक से रुपए निकालकर जाने वालों को लूटने वाले गिरोह के बदमाश दो बाइक पर बारडोली से नवसारी की ओर आ रहे हैं। इसके बाद एलसीबी ने निगरानी बढ़ाई और ग्रिड ओवरब्रिज के पास से पलसाणा तहसील के कारेली गांव के आराधना प्लेटिनम व मूलत: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के सोमेसपुरम निवासी सलमान रामलु गुड्डेडी (50), सलमानराज उर्फ चिन्ना प्रसंगी अकुला (28) और विजय नागराज गोगला (26) को पकड़ा। तीनों के पास से 46 हजार 10 रुपए नगद, एक मोबाइल, सलमानराज और विजय के पास से रेमंड शोप का आइकार्ड, आधार कार्ड, आरसी बुक की कापी बरामद हुई।

पुलिस ने दो बाइक समेत एक लाख छह हजार 510 रुपए का सामान जब्त कर लिया। तीनों ने पूछताछ में 25 नवंबर की सुबह नवसारी के कबीलपोर गांव से रुपए नीचे गिरे होने का झांसा देकर पांच लाख की लूट, डेढ़ माह पूर्व चिखली के खुंद प्राथमिक स्कूल के पास मोबाइल गिरा बताकर गुड़ कोला के मुनीम के मोपेड की डिक्की से ढाई लाख रुपए एवं वांसदा में एक व्यक्ति की मोपेड से साढ़े तीन लाख रुपए की लूट कबूल की।

सीसीटीवी फुटेज बनी मददगार

सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए एसपी डॉ गिरीश पंड्या ने बताया कि कबीलपोर, चिखली और वांसदा में हुई लूट के बाद जांच में पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिले थे। इससे आरोपियों की पहचान में आसानी रही। इसके बाद तकनीकी सर्विलांस एवं इंटेलिजेंस ने बदमाशों को पकडऩे का मुहिम शुरू की। उन्होंने कहा कि दो कांस्टेबलों ने 15 दिनों तक काफी मेहनत की। जिसके परिणाम स्वरुप अक्टूबर माह में जिले के अलावा तापी के व्यारा, सूरत के उधना, सरथाणा और परवट पाटिया तथा भरुच में हुई लूट का पर्दाफाश हो पाया।

मोडस ऑपरेन्डी

गिरफ्तार आरोपी गुगल मैप का उपयोग कर पहले बैंक का लोकेशन पता करते थे, उसके बाद लूट की साजिश रचते थे। गिरोह के दो बदमाश बैंक में बैठे रहते और बड़ी रकम लेकर निकलने वाले का दो बाइकों पर चार बदमाश पीछा करते। बाद में रुपए या कोई चीज गिरने होने का झूठ बोलकर उसका ध्यान भटकाने के बाद रुपए लेकर फरार हो जाते थे। इस गिरोह में बदमाशों की संख्या हमेशा दस से 20 होती है। गिरोह में एक महिला भी है। इससे पूर्व राजकोट पलिस ने भी इस गिरोह के दस बदमाशों को गिरप्तार किया था। जिसमें दो नाबालिग भी थे।