
वॉट्स ऐप के डिलिट मैसेज रिकवर कर पकड़ेंगे चोरी
प्रदीप मिश्रा
सूरत. कर चोरों की बदलती मोडस ओपरेंडी के साथ आयकर विभाग भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी पैठ जमा रहा है। आयकर विभाग अब कर चोरों के मोबाइल में छुपी छोटी से छोटी जानकारी ढूंढने के साथ डिलिट की गई जानकारी री-स्टोर करने की क्षमता रखता है।
कई लोग टैक्स चोरी के लिए नए-नए उपाय अजमाते रहते हैं। पहले आयकर विभाग के सामने पासवर्ड तोड़ऩे की समस्या आती थी, जिसका तोड़ विभाग निकाल चुका है। पिछले दिनों तीन बार लॉक किया कम्प्यूटर आयकर विभाग ने डी-लॉक कर कर चोरी पकड़ी थी। नारायण सांई के मामले में भी विभाग ने बड़ी युक्ति से कम्प्यूटर से जानकारी निकाली थी। कम्प्यूटर में स्टोर जानकारी खुल जाने के कारण अब लोगों ने वॉट्स ऐप पर कॉल और मैसेज कर जानकारी आदान-प्रदान करना शुरू कर दिया है। जानकारी भेजने के बाद मैसेज डिलिट कर दिया जाता है। कर चोरों की इस होशियारी का भी विभाग ने उपाय ढूंढ निकाला है। आयकर विभाग के पास उपलब्ध साधनों के माध्यम से डिलिट की गई जानकारी री-स्टोर हो जाती है। यदि कम्प्यूटर की हार्ड ***** से भी जानकारी डिलिट कर दी गई हो, वह भी री-स्टोर हो जाएगी। जांच के दौरान यदि कम्प्यूटर जब्त हो तो विभाग ग्रुप की पूरी जानकारी एकत्रित करने की क्षमता रखता है। आयकर विभाग के अधिकारी चाहें तो अलग-अलग ढंग से कर चोरों को पकड़ सकतेहैं।कर चोरों की बदलती मोडस ओपरेंडी के साथ आयकर विभाग भी टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अपनी पैठ जमा रहा है
विभाग के अधिकारियों के पास इंटेलिजेंस यूनिट और फायनांसियल यूनिट से बड़े आर्थिक सौदों की जानकारी आती है। इसमें बैंक के माध्यम से हुए बड़े ट्रांजेक्शन और अन्य खरीद-बिक्री की जानकारी भी रहती है। कई मामलों में अधिकारियों ने कार्यालय में बैठकर गूगल के माध्यम से बड़े-बड़े बिल्डर्स की जानकारी जुटाने के बाद अन्य माध्यमों से पूरी जानकारी एकत्रित कर बड़ी रकम की टैक्स चोरी पकड़ी है।
Published on:
12 Aug 2018 08:53 pm
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