
अढाई साल तक क्यों नहीं की गई गिरफ्तारी ?
सूरत. अमरोली राजद्रोह मामले में सूरत क्राइम ब्रांच द्वारा पास कन्वीनर अल्पेश कथीरिया के खिलाफ ट्रांसफर वारंट हासिल करने पर अल्पेश की ओर से अठवालाइन्स स्थित कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की गई है।
अल्पेश की ओर से साचिका दायर करने वाले अधिवक्ता यशवंत सिंह वाला द्वारा दायर याचिका में बताया गया है। २०१५ में अमरोली थाने में दर्ज किए गए राजद्रोह मामले से अल्पेश का कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में पुलिस ने साजिशन उसे नामजद कर फरार दर्शाया हुआ है।
जबकि वह घटना के बाद से शहर में ही मौजूद था। कई बार पास के कार्यक्रमों की परमिशन लेने के लिए विभिन्न पुलिस थानों में भी गया और पुलिस अधिकारियों के कार्यालयों पर भी गया। कई टीवी डिबेट में भी हिस्सा लिया। इस बीच कॉलेज से कानून की डिग्री भी हासिल की।
पुलिस ने भी इस मामले में हार्दिक व अन्य आरोपियों के कार्रवाई कर आरोप पत्र दायर किए। उसके बाद कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान भी वह मौजूद रहा लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने की जरुरत नहीं समझी। तो अब पुलिस अपना कौन सा हित साधने के लिए उसे गिरफ्तार करना चाहती है। इसको लेकर कई तरह की आशंकाएं है और खतरे की दहशत भी है।
अमहदाबाद में जीएमडीसी ग्राउन्ड में दर्ज हुए राजद्रोह मामले में अहमदाबाद पुलिस द्वारा अल्पेश कथीरिया की गिरफ्तारी के बाद कुछ दिन पूर्व सूरत क्राइम ब्रांच ने उसके ट्रांसफर वांरट के लिए याचिका दायर की थी।
चेक रिटर्न मामले में व्यापारी को एक साल की कैद
सूरत. चेक रिटर्न मामले में कोर्ट ने बुधवार को एक व्यापारी को एक साल की कैद व पीडि़त को तीन लाख का मुआवजा देने की सजा सुनाई है। जानकारी के अनुसार चेतन शाह ने वर्ष २०१३ में एम.सी.एक्स फोरेक्स के नाम से कंपनी शुरू की थी।
विभिन्न संचार माध्यमों में विज्ञापन देकर निवेशकों को आकर्षित किया था। ऐसे ही एक निवेशक जयेश पटेल ने २.३२ लाख रुपए का निवेश किया था। चेतन ने निवेश की गई राशी लौटाने से मना कर दिया था लेकिन बाद में उसने ३ लाख रुपए का चैक दिया था जो रिटर्न हो गया था।
इस पर जयेश ने चेतन को नोटिस भेजा था और अधिवक्ता रतन क्षत्रिय के मार्फत शिकायत दर्ज करवाई थी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने चेतन को दोषी करार देते हुए एक साल की सामान्य
Published on:
26 Sept 2018 10:25 pm
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