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Railway के लाखों रुपए खर्च कर पिकनिक मनाने Mainpat पहुंचे जीएम, स्टेशन में झांका तक नहीं

लाव-लश्कर व परिवार के साथ मैनपाट में पिकनिक मनाने स्पेशल सैलून से आए थे रेलवे के महाप्रबंधक, गोपनीय दौरा बताकर दिया विभागीय स्वरूप लेकिन था यह व्यक्तिगत व पारिवारिक

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Pranayraj rana

Dec 11, 2016

Railway GM in Ambikapur

Railway GM in Ambikapur

अंबिकापुर.
जोन के सबसे बड़े अधिकारी के आगमन पर रेलवे ने एक दिन में लाखों रुपए फूंक दिए, लेकिन उन्हें स्टेशन के निरीक्षण व यात्रियों से जुड़ी सुविधाओं पर ध्यान देने के लिए एक मिनट का भी फुर्सत नहीं मिला। तीन घंटे के इंतजार के बाद रेलवे के जीएम सैलून से उतरे और सीधे लक्जरी वाहनों में बैठकर लाव लश्कर के साथ मैनपाट के लिए रवाना हो गए।



रेलवे के बिलासपुर जोन के सबसे बड़े अधिकारी जीएम सतेन्द्र कुमार शनिवार की सुबह स्पेशल सैलून से अंबिकापुर पहुंचे थे। स्टेशन पहुंचे लोगों को उम्मीद थी कि उनके आने से कुछ न कुछ रेलवे विस्तार पर चर्चा होगी। लेकिन सारी उम्मीदें धरी की धरी रह गईं। सुबह दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन के साथ सैलून में जीएम अपने परिवार के साथ पहुंचे थे।


उनके स्वागत में पूरा रेलवे स्टाफ के साथ अन्य जगहों से आए अधिकारी भी सक्रिय नजर आए। लगभग तीन घंटे बाद जीएम सतेन्द्र कुमार सैलून से बाहर आए। घंटों इंतजार के बाद उम्मीद थी कि थोड़ी ही देर सही रेलवे के सबसे बड़े अधिकारी स्टेशन को अपना समय दे देते तो शायद कुछ व्यवस्था में सुधार हो सकता था।


यात्रियों को मिलने वाली सुविधाओं में कुछ बढ़ोतरी की उम्मीद भी थी। लेकिन जीएम सैलून से उतरने के बाद स्टेशन की तरफ झांकना भी जरूरी नहीं समझा।


अधिकारियों के साथ स्टेशन के बाहर निकले और सीधे लक्जरी वाहनों में स्वयं व अन्य अधिकारियों के परिवार वालों के साथ मैनपाट के लिए रवाना हो गए। स्टेशन मास्टर एसके मिश्रा ने पत्रिका से बातचीत के दौरान कहा कि वे इस विषय में कुछ भी नहीं कह सकते।


सैलून को हटाने मंगाया गया था इंजन

दुर्ग-अंबिकापुर ट्रेन के साथ सैलून लग कर अंबिकापुर पहुंचा था। ट्रेन के अंबिकापुर से शहड़ोल के लिए रवाना होने के बाद सैलून मुख्य ट्रैक पर ही खड़ा था, उसे हटाने के लिए करंजी से इंजन मंगाया गया था। इसे मुख्य ट्रैक से हटाकर अलग किया गया, तब जीएम स्टेशन पर उतरे।


स्टेशन पर अफसरों की लगी रही लाइन

जीएम के आने की सूचना पर रायपुर, बिलासपुर सहित अन्य जगहों से भी अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे थे। इनके साथ ही उनके परिवार के लोग भी पहुंचे थे। उनके आने से पहले स्टेशन में बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे थे। वहीं जीआरपीएफ व आरपीएफ के भी जवानों को सुबह से तैनात किया गया था।


गोपनीय दौरा बताकर दिया गया विभागीय स्वरूप

रेलवे जीएम के दौरे के संबंध में हांलाकि कोई कुछ भी कहने को तैयार नहीं है। रेलवे जीएम का यह दौरा हालांकि पूरी तरह से व्यक्तिगत व पारिवारिक था। लेकिन इसे गोपनीय दौरा बताते हुए विभागीय स्वरूप देने का प्रयास अधिकारियों द्वारा किया गया। मैनपाट में रेलवे द्वारा होली डे होम के निर्माण किए जाने का घोषणा की गई थी।


इसके निर्माण के लिए आज तक कोई पहल अधिकारियों द्वारा नहीं की गई है। लेकिन इसके निरीक्षण के नाम पर कई अधिकारी अब तक मैनपाट का दौरा कर चुके हैं।

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