
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन। फोटो- पत्रिका
कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा रेल मंडल में स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (संस्करण-2) का मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा अंतिम उच्च गति परीक्षण किया गया। यह निरीक्षण कोटा से नागदा खंड के बीच सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। परीक्षण 182 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति पर किया गया, जिसमें ट्रेन के सभी निर्धारित तकनीकी मानकों की गहन जांच की गई। इस दौरान ट्रेन में कहीं भी कंपन महसूस नहीं हुआ।
परीक्षण के दौरान ट्रेन में तीन गिलासों के ऊपर पानी से भरा एक गिलास रखा गया। ट्रेन के 0 से 182 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने के बावजूद किसी भी गिलास से पानी नहीं छलका। इसे तेज गति में भी कंपन रहित सफर का प्रमाण माना जा रहा है।
इसके अलावा आपातकालीन ब्रेकिंग की भी जांच की गई। उच्च गति के दौरान ट्रेन का प्रदर्शन संतोषजनक पाया गया और परीक्षण को पूरी तरह सफल घोषित किया गया। इस दौरान ट्रेन में सभी सुविधाओं से युक्त 16 स्लीपर कोच जोड़े गए थे।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि इस सफल ट्रायल से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के आगामी परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि हासिल हुई है। यह भारतीय रेलवे की आत्मनिर्भर और आधुनिक रेल तकनीक को दर्शाता है।
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मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग की उपस्थिति में किए गए इस परीक्षण के दौरान मंडल रेल प्रबंधक अनिल कालरा सहित मंडल के वरिष्ठ शाखा अधिकारी मौजूद रहे। साथ ही परीक्षण प्रक्रिया में अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड और फेवली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी भी शामिल रहे।
Updated on:
30 Dec 2025 09:02 pm
Published on:
30 Dec 2025 07:56 pm
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