
भारत में कई जगहों पर कई प्रसिद्ध गुफाएं हैं जो की खुद में रहस्य व सुंदरता को समेटे हुए है। उन्हीं प्रसिद्ध गुफाओं में से एक है बादामी की प्रसिद्ध गुफा मंदिर। कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिले में बादामी नाम के शहर में बना ये गुफा मंदिर बहुप्रसिद्ध हैं। भारत की सबसे पुरानी गुफा बादामी को 6वी शताब्दी में बनवाया गया था। बलुआ पत्थर से बने गुफा मंदिरों की सुंदरता देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। बादामी की इन मशहूर गुफाओं के निर्माण का सारा श्रेय चालुक्य वंश को जाता है। यहां की सभी गुफायें नगारा और द्रविड़ शैली में बनवाई गयी थी। इस शैली में बनाने के कारण यहा की सभी गुफाये बहुत ही सुन्दर दिखती है। यहां गुफा मंदिर अपनी सुंदर नक्काशियों के लिए जाने जाते हैं।
नक्काशियों में दिखती पौराणिक और धार्मिक कथा
मंदिर में बनी नक्काशियों में पौराणिक तथा धार्मिक घटनाएं और शिक्षा दिखाई देती है। यहां चार गुफा मंदिर हैं, जिनमें से पहला गुफा मंदिर सबसे प्राचीन मंदिर है, जिसका निर्माण 6वीं शताब्दी में हुआ था। इस मंदिर में भगवान शिव के अर्धनारीश्वर और हरिहर अवतार की नक्काशियां की गई हैं और इन नक्काशियों के साथ ही भगवान शिव का तांडव नृत्य की भी नक्काशी दिखाई देती है। इसके दाहिनी तरफ भगवान शिव का हरिहर रूप और बाईंं तरफ भगवान विष्णु का अवतार हैं। दर्शन करने आए दर्शनार्थी यहां भगवान शिव के साथ-साथ महिषासुरमर्दिनी तथा गणपति, शिवलिंगम और शन्मुख की मूर्तियां भी देख सकते हैं।
दूसरा गुफा मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, जो वराह तथा त्रिविक्रम अवतार में यहां स्थापित हैं। वहीं तीसरी गुफा में भगवान विष्णु त्रिविक्रम और नरसिंह अवतार दिखाए गए हैं, जो की 100 फुट गहरा गुफा मंदिर है। चौथी गुफा मंदिर जैन धर्म को समर्पित है। जहां भगवान महावीर बैठी अवस्था में विराजमान है, इनके साथ ही गुफा में तीर्थकर पार्श्वनाथ का चित्र भी बना हुआ हैं। मंदिर की छत पर पुराणों के दृश्य दिखाए गए हैं। जिनमें भगवान विष्णु का गरुड़ अवतार दिखाया गया है।
Published on:
30 Dec 2018 06:33 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
