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Devi Mata mandir: राजस्थान का एक ऐसा मंदिर, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग भी करते हैं मां देवी की पूजा

Devi Mata mandir राजस्थान में देवी मां के मंदिर तो बहुत है। लेकिन आपने एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में सुना है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग आते हैं मां को पूजने आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में..

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Devi Mata mandir

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Devi Mata mandir: भारत में कई मंदिर हैं, लेकिन उनमें से एक ऐसा हिंदू मंदिर भी है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा करते हैं। तो आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में …

बागोरिया दुर्गा माता मंदिर (Bagoriya Durga Mata Temple)

राजस्थान के जोधपुर जिले में एक मां देवी का मंदिर (Devi Mata mandir) है, जिसके पुजारी मुस्लिम समुदाय से आते हैं। इतना ही नहीं इस मंदिर में मुस्लिम समुदाय के लोग आकर पूजा भी करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा -अर्चना करने से सभी के दुख दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं देश में मां दुर्गा को समर्पित कई प्राचीन मंदिर आज भी स्थित है। जो अपने रहस्यों और इतिहासों के लिए जाने जाते हैं। आइए जानते हैं देवी मां के इस मंदिर के बारे में..

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मंदिर का इतिहास (History Of Temple)

राजस्थान में वैसे तो मां देवी (Devi Mata mandir) को समर्पित कई मंदिर हैं, लेकिन उनमें से एक मंदिर ऐसा भी है, जहां मुस्लिम समुदाय के लोग पूजा करने के लिए आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं। राजस्थान के जोधपुर शहर के नजदीक मां दुर्गा का एक ऐसा मंदिर है जो हिंदूओं और मुसलमानों के बीच सौहार्द की अनोखी मिसाल बनाता है। देवी के इस मंदिर में पुजारी मुसलमान है जो पाकिस्तान से आए हुए हैं।

राजस्थान के जोधपुर के भोपालगढ़ क्षेत्र में स्थित एक बागोरिया नामक गांव है। इस गांव की ऊंची पहाड़ियों पर मां दुर्गा का एक प्राचीन मंदिर स्थित है। मां दु्र्गा के इस मंदिर की सेवा पीढ़ी-दर-पीढ़ी मुस्लिम परिवार करता आ रहा है। अभी मां दुर्गा के इस मंदिर में जलालुद्दीन खां पुजारी हैं। ऐसा कहा जाता है कि परिवार का जो भी सदस्य पुजारी बनता है, वह नमाज नहीं पढ़ता है। बल्कि पूजा-पाठ और उपवास रखता है। इसे लेकर कई सख्त नियम भी हैं।

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इसके अलावा पुजारी मंदिर परिसर में ही रहते हैं। कहते हैं कि सैकड़ो साल पहले उनके पूर्वज यहां आकर बस गए थे। क्योंकि उनके सिंध में बेहद भारी अकाल पड़ा था। उस समय उनके पूर्वज ऊंटों के काफिले को लेकर मालवा जा रहे थे। इसी बीच उनके ऊंट रास्ते में बीमार हो गए। जिसके कारण उन्हें यहीं रुकना पड़ा था।

तभी उसी रात उनके पूर्वज के सामने माता रानी के दर्शन दिए । माता ने उनसे कहा कि पास के बावड़ी में मौजूद प्रतिमा से भभूत निकालकर उसे अपने ऊंट को खिला दो । वे ठीक हो जाएंगे। इसके बाद जमालुद्दीन खां ने ठीक वैसा ही किया। वह सभी ऊंट ठीक भी हो गए।

मां दुर्गा के इस चमत्कार को देखकर जमालुद्दीन खां के पूर्वज ने इसी गांव में रुकने का फैसला किया और उनका परिवार माता रानी की पूजा में लीन हो गया। तभी से इस मंदिर में मुस्लिम परिवार के समुदाय आते हैं।

डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।