24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

माता के इस चमत्कारी मंदिर में अखंड ज्योत से निलकती है केसर

माता के इस मंदिर में दीपक में से काजल की जगह निकलता है केसर

3 min read
Google source verification

image

Tanvi Sharma

Jun 22, 2018

aai mata

माता के इस चमत्कारी मंदिर में अखंड ज्योत से निलकती है केसर

राजस्थान के जोधपुर जिले का बिलाड़ा गांव श्री आई माता जी की पवित्र नगरी है। बिलाड़ा जोधपुर से 80 किलोमीटर दूर जयपुर रोड पर स्थित है। बिलाड़ा श्री आई माता जी की पवित्र नगरी के रूप में संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। मां आई माताजी का विश्व विख्यात मंदिर। तीर्थ धाम माना जाता है। माता के इस मंदिर में दीपक में से काजल की जगह केसर निकलता है,जी हां, दीपक से निकलने वाले इस केसर को भक्त अपनी आंखों में लगाते हैं। यह मंदिर काफी प्राचीन है भक्तों के अनुसार यहां माता आई थी इसलिए इस मंदिर को आईजी माता के नाम से जाना जाता है।

मां दुर्गा का अवतार श्री आईमाता गुजरात के अम्बापुर में अवरीत हुई थी। अम्बापुर में कई चमत्कारों के पश्चात श्री आईमाता जी भ्रमण करते हुए बिलाड़ा आईं। मंदिर को केशर ज्योति मंदिर के नाम से देश और दुनिया में जाना जाता हैं। यहां पर उन्होंने भक्तों को 11 गुण व सदैव सन्मार्ग पर चलने के सदुपदेश दिए। तथा ये 11 गुण आज भी लोग जानते है तथा उनके दिए आशीर्वाद को समझ कर उसका पालन भी करते हैं। इन उपदेशों के बाद एक दिन उन्होंने हज़ारों भक्तों के समक्ष स्वयं को अखंड ज्योति में विलीन कर दिया। इसी अखंड ज्योति से केसर प्रकट होता है, जो आज भी मंदिर में माताजी की उपस्थिति का साक्षात् प्रमाण है।

गद्दी पर विराजित है माता

संगमरमर से बने मंदिर की भव्यता देखते ही बनती है। मंदिर में पहुंचकर मन में बहुत ही सुकून मिलता है और सवर्ग का अनुभव होता है। और यहां सुबह चार बजे मंगला आरती और सायं सात बजे सांझ आरती के समय मंदिर का माहौल देखने लायक होता है।

भारतीय पौराणिक कथा

मान्यता है की दीवान वंशज के राजा माधव अचानक कहीं गायब हो गए थे और माता उन्हें ढूंढने निकली। राजा माधव माता को इसी गांव में मिले थे। तभी से मां इस मंदिर में विराजित है इस मंदिर के अंदर जलने वाला अखंड दीपक करीब 550 वर्षों से जल रहा है। लोगों का मानना है कि इस इस अखंड दीपक से निकले वाली लौ से निकलने वाला पदार्थ केसर है। भक्त यहां नीमच और मंदसौर से बस के द्वारा मनासा पहुंच सकते है। आई जी माता के दर्शन करने आसपास के शहरों और राज्यों से भक्तगण आते है। यहां हजारों लोग पूजा करने और मन्नत मांगने आते है। लोगों की मन्नत पूरी होने पर वे आई जी माता को चढ़ावा चढ़ाते है । मंदिर के पुजारियों के अनुसार आज से 550 साल पहले आई जी माता ने स्वयं इस ज्योत को जलाया था। तभी से यह देशी घी की अखंड ज्योत जलती आ रही है।

कैसे पहुंचे आई जी माता मंदिर

आई माता जी मंदिर तक पहुंचने के लिए जोधपुर से बस, जीप व टैक्सियां आसानी से मिल जाती हैं। बिलाडा से जोधपुर के लिए रेल मार्ग है। यह मंदिर वर्ष में दो बार नवरात्रों पर खुलता है। चैत्र माह में इस मंदिर पर विशाल मेला भी लगता है। तब भारी संख्या में लोग यहां पहुंचकर मन्नते मनाते हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए मंदिर के अंदर धर्मशालाएं भी हैं।