
हमारे देश में भगवान गणेश ( Lord Ganesha ) की कई मंदिर है। सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यताएं भी है। गणेश चतुर्थी ( Ganesh Chaturthi 2019 ) के मौके पर आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 750 वर्ष पहले राजस्थान से आये गड़ेरियों ने की थी।
यह मंदिर मध्य प्रदेश के जूनी इंदौर में शनि मंदिर के पास स्थित है। इस मंदिर के बार में कहा जाता है कि यहां पर भगवान गणेश की एकमात्र ऐसी प्रतिमा है जिसमें वे अपने हाथ में एक पोटली लिए हुए हैं। मान्यता है कि पोटली लिये हुए भगवान गणेश की पूजा करने से घर में संपन्नता आती है। यही कारण है कि गणेश चतुर्थी और दिवाली के मौके पर यहां श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है।
हल्दी की गांठों से होती है मन्नत पूरी
इस मंदिर की एक और विशेषता बताई जाती है। कहा जाता है कि किसी कारणवश जिनकी शादी नहीं हो रही है, उन्हें पूजन के लिए गणेश जी को चढ़ाई हुई हल्दी की गांठ दी जा जाती है। ये गांठे भक्त अपने घर में रखकर इनकी पूजा अर्चना करते हैं। ऐसा करने से उनकी सभी मन्नतें पूरी हो जाती हैं और शादी भी हो जाती है।
गुरुवार को दी जाती है सिद्ध की हुई हल्दी की गांठें
प्राण प्रतिष्ठित हल्दी की गांठें गुरुवार के दिन भक्तों की दी जाती है। कहा जाता है कि इन गांठों को पीले कपड़े में लपेटकर पूजा करने से बाधाएं दूर होती हैं और अविवाहितों का शीघ्र विवाह हो जाता है।
Published on:
29 Aug 2019 01:38 pm
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