jain tirth sammed shikharji नव वर्ष 2023 के पहले दिन अचानक सुर्खियों में आ गया, गूगल पर कई लोग सर्च कर रहे हैं कि जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी कहां है। ऐसे पाठकों को हम दे रहे हैं, सम्मेद शिखर विवाद का पूरा विवरण और tirth sammed shikharji news की हर डिटेल जिसे आप जानना चाहते हैं।
Sri Sammed Shikhar: आइये सबसे पहले हम बताते हैं कि जैन तीर्थ सम्मेद शिखरजी कहां है। दरअसल, झारखंड के गिरिडीह जिले में छोटा नागपुर पठार पर 1350 मीटर ऊंची पहाड़ी है। यह झारखंड का सबसे ऊंचा स्थान भी है। इसे पारसनाथ पर्वत, श्रीशिखरजी, श्री सम्मेद शिखरजी या शिखरजी के नाम से भी जाना जाता है।
पारसनाथ पर्वत प्रसिद्ध जैन तीर्थ है, इसे गिरिडीह में मधुबन भी कहा जाता है ।
मान्यता है कि इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्ति की है। इस तीर्थ क्षेत्र में ही 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। यहां हर साल दुनिया भर के लाखों जैन धर्मावलंबी आते हैं।
Sammed Shikhar Controversy: दरअसल, झारखंड सरकार ने कुछ समय पहले पारसनाथ पर्वत (parasnath hill jharkhand) यानी श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल घोषित कर दिया था। झारखंड सरकार इस तीर्थ स्थल को पर्यटन से जोड़कर आमदनी के नए स्रोत विकसित करना चाहती है। लेकिन झारखंड सरकार का यह फैसला जैन समाज को रास नहीं आ रहा है। इसी से श्री सम्मेद शिखर विवाद समाने आया है।
Jain pilgrimage Parasnath: जैन समाज प्रमुख तीर्थ स्थल श्री सम्मेद शिखरजी को पर्यटन स्थल बनाने का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि पारसनाथ पर्वत को पर्यटन स्थल बनाने से सम्मेद शिखरजी को नुकसान होगा और उनकी भावना को ठेस पहुंचेगी।
तीर्थ स्थल को नुकसान पहुंचने की आशंकाः इसी के विरोध में जैन समाज के हजारों लोग नए वर्ष के पहले दिन प्रगति मैदान दिल्ली में इकट्ठे हुए, और सरकार के फैसले के विरोध में इंडिया गेट दिल्ली तक मार्च किया। समाज के प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार के फैसले के विरोध में राष्ट्रपति भवन में ज्ञापन भी सौंपा। मुंबई में भी जैन समाज ने प्रदर्शन किया।