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अद्भुत अविश्वसनीय : 5000 साल से शिवलिंग के रूप में यहां विराजते हैं भगवान शंकर

पुराणों में दर्ज है इस मंदिर का उल्लेख...

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Deepesh Tiwari

Feb 21, 2021

Lord Shankar resides here as Shivling for 5000 years

Lord Shankar resides here as Shivling for 5000 years

सनातन धर्म में त्रिदेवों में ब्रह्मा विष्णु और महेश यानि भगवान शिव को माना जाता है। वहीं आदि पंच देवों में भी भगवान शिव भी शामिल हैं। वहीं सप्ताह में इनका दिन सोमवार माना गया है। ऐसे में इस बार भबवान शिव का प्रिय सावन माह 9 अगस्त 2021 से शुरु हो रहा है, जो 7 सितंबर तक चलेगा। वहीं हर साल सावन माह में भोले भक्त विशेष आराधना कर महादेव को प्रसन्न करते हैं।

यूं तो भगवान शंकर के देश और दुनिया में कई विचित्र और अनूठे मंदिर हैं, जहां पर भगवान शंकर विभिन्न रूपों में विद्यमान हैं। लेकिन आज हम आपको भगवान शिव के ऐसे मंदिर के बारे में बता रहे हैं,जहां पर मौजूद शिवलिंग 1 या 2 नहीं बल्कि 5000 वर्ष पुराना है।

1. वहीं भगवान शिव के इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शनों के लिए सावन माह में अपार भीड़ उमड़ती है। क्योंकि इस 5000 वर्ष पुराने इस शिवलिंग के साथ शिव भक्तों की अपार श्रद्धा जुडी रहती है। और भगवान् शिव का यह अद्भुत शिवलिंग गुजरात के नर्मदा जिले के देडियापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित जलेश्वर महादेव है। धर्म शास्त्रों के आधार पर यह एक प्राचीन स्थान है।

2. इस मंदिर का अस्तित्व आज से लगभग 5000 वर्ष पुराना बताया जाता है जहां प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर की आराधना करने के लिए लोग आते हैं।

3. बताया जाता है कि साल 1940 में यहां पुरातत्व विभाग द्वारा खुदाई की गई थी। इसी पुरातत्व खुदाई के दौरान दुनिया को इस 5000 वर्ष पुराने शिवलिंग के दर्शन हुए।

4. साल 1940 में हुई खुदाई के दौरान पुरातत्व विभाग को कई अनमोल चीजों की प्राप्ति हुई। मंदिर से जुड़े साक्ष्यों का उल्लेख करते हुए पुरातत्व विभाग ने इस शिवलिंग को 5000 साल पुराना बताया है।

5. हजारों वर्षों से पुराणों की किताबो में दर्ज इस मंदिर का उल्लेख जलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से किया गया है। इस जलेश्वर महादेव मंदिर में शिव भक्तो की गहरी आस्था है, हर साल यंहा लाखो श्रद्धालु पंहुच कर भगवन शिव के अद्भुत दर्शन प्राप्त कर पुण्य लाभ कमाते है।

6. भगवन शिव के पवित्र दिन सोमवार को यंहा इस मंदिर में शिव भक्तो का तांता लगा रहता है। बही सावन व महाशिवरात्रि के विशेष मौको पर मंदिर में विशेष पूजा आयोजित होती है।

7. शास्त्रों में मिले उल्लेख के अनुसार इस मंदिर के निकट बहती नदी को पूर्वा नदी कहा जाता है और इस मंदिर को जलेश्वर महादेव। वहीं मान्यताओं के अनुसार इस नदी में स्नान कर शिवलिंग के दर्शन करने से पापो से मुक्ति मिलती है।