26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Sawan 2019 : एक ऐसा धाम, जहां गंगाजी स्वयं करती हैं शिवलिंग पर जलाभिषेक

Sawan 2019 : भगवान शिव का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां भोलेनाथ का जलाभिषेक वर्ष के 12 महीने और 24 घंटे होते रहता है।

3 min read
Google source verification
Lord Shiva

Sawan 2019 : एक ऐसा धाम, जहां गंगाजी स्वयं करती हैं शिवलिंग पर जलाभिषेक

सावन महीने ( month of sawan ) में भगवान शिव ( Lord Shiva ) का अभिषेक हर मंदिर में किया जाता है। इस महीने में देशभर के सभी शिवालयों में भक्तों का तांता लगा रहता है। लगभग सभी शिव मंदिरों में पुजारी द्वारा या भक्तों द्वारा शिव जी का अभिषेक किया जाता है, किंतु सभी का एक समय निश्चित है। लेकिन भगवान शिव का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर है, जहां भोलेनाथ का जलाभिषेक वर्ष के 12 महीने और 24 घंटे होते रहता है। यह पूजा कई युगों से होती आ रही है।

मान्यताओं के अनुसार इस जगह का वर्णन पुराणों में भी बताया जाता है। वहीं मंदिर को लेकर भक्तों की आस्था है कि यहां मांगी हुई हर मनोकामना पूरी होती है। भगवान शिव का यह चमत्कारी मंदिर झारखंड के रामगढ़ जिले में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव का एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जिसके बारे में जानने के बाद हर श्रद्धालु इस मंदिर में एक बार जरूर जाना चाहता है। वैसे तो भगवान शिव को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, लेकिन यहां आज भी भगवान शिव के चमत्कार कभी-कभी देखने को मिल जाते हैं।

मंदिर में शिव जी का स्वयं अभिषेक करती हैं गंगा

बताया जाता है कि मंदिर की जानकारी जब अंग्रेजों को हुई तब उन्होंने होने वाले चमत्कार को अपनी आंखों से देखा और तो वह इस चमत्कार को देखकर हैरान हो गए थे। इस तरह के घटनाक्रम अक्सर होने पर लोगों में भगवान के प्रति आस्था और मजबूत हो गई। अंग्रेजों का कहना था वे इस अंधविश्वास पर विश्वास नहीं करते। लेकिन इस चमत्कार को देखने के बाद उन्हें विश्वास करना पड़ा।

गहराई में पहुंचने के बाद उन्हें पूरा शिवलिंग मिला और शिवलिंग के ठीक ऊपर गंगा की प्रतिमा मिली, जिसकी हथेली पर से गुजरते हुए आज भी गंगा जल शिवलिंग पर गिरता है। यही वजह है कि यह रहस्यमय मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। इस शिव मंदिर टूटी झरना मंदिर ( tuti jharna shiv temple ) के नाम से जाना जाता है। लेकिन मंदिर को लेकर यह रहस्य आज भी बना हुआ है कि आखिर भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए जल कहां से आता है, जल का स्त्रोत क्या है?

सावन में होता है विशेष महत्व

मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं और शिव जी से मनोकामना पूर्ण करने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। वर्ष भर मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन सावन माह में यहां एक अद्भुत शांति का अनुभव होता है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां शिव जी के होने का आभास होता है। मान्यता है कि भगवान के इस अद्भुत स्वरुप के दर्शन मात्र से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। शिवलिंग पर गिरने वाले जल को श्रद्धालु प्रसाद के रुप में अपने घर ले जाते हैं। कहा जाता है कि इस जल को पीने से मन शांत होता है और कष्टों से लड़ने की शक्ति मिलती है।