
नई दिल्ली। वैसे तो गुजरात के सोमनाथ मंदिर अपने आप में ही काफी प्रसिद्ध है, जिसके लिए ज़्यादा कुछ कहने की कोई ज़रुरत नहीं है। लेकिन आए दिन सोमनाथ मंदिर को लेकर कुछ न कुछ सुर्खियों में बना ही रहता है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ कि एक बार फिर से सोमनाथ मंदिर खासी चर्चाओं में आ गया है। बता दें कि गुजरात चुनाव को लेकर बुधवार को ही कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी दर्शन के लिए सोमनाथ मंदिर गए थे। जहां से इस नए कॉन्ट्रोवर्सी ने अपनी खास जगह बना ली।
बता दें कि बुधवार को राहुल गांधी के साथ राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पार्टी के दिग्गज नेता अहमद पटेल भी मंदिर पहुंचे थे। मंदिर में प्रवेश से पहले सुरक्षा कारणों की वजह से रजिस्टर नाम दर्ज कराए जाते हैं, जिसमें राहुल गांधी और अहमद पटेल के नाम भी दर्ज किए गए थे। लेकिन राहुल कहां जानते थे कि रजिस्टर में नाम करने से ही पूरा विवाद खड़ा हो जाएगा। बता दें कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए कुछ खास नियम बनाए गए हैं। जिसके तहत मंदिर में प्रवेश करने वाले गैर-हिंदू व्यक्ति को मंदिर के सुरक्षा विभाग के दफ्तर में इस खास रजिस्टर में एंट्री करानी पड़ती है। बस इसी बात को लेकर यह पूरा विवाद बन गया जिसने सियासत में एक बार फिर से गरमी बढ़ा दी है। तो इसलिए ही हमने तय किया आपको सोमनाथ मंदिर के जुड़े कुछ खास प्रतिबंधों के बारे में जानकारी दें।
बता दें कि सबसे पहले 2015 में सोमनाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई थी। नियमों के मुताबिक मंदिर में प्रवेश के लिए किसी भी गैर-हिंदू को प्रवेश लेने के लिए मंदिर प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए बाकायदा मंदिर प्रशासन ने मुख्य प्रवेश द्वार पर नोटिस लगा दिया गया, जिसमें साफ-साफ अक्षरों में लिखा गया है कि श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग हिंदुओं का पवित्र स्थान है। यहां प्रवेश पाने के लिए गैर-हिंदुओं को मंदिर प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
Published on:
01 Dec 2017 03:15 pm
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