साल में बस एक ही बार पूजे जाते हैं ये 11 शिवलिंग, जानें इनका रहस्य
इस पहाड़ पर एक साथ 11 शिवलिंग...

यूं तो देवाधिदेव शंकर के चमत्कारों को समझ पाना हर किसी के बस में नहीं हैं। फिर भी भगवान शिव के चमत्कार देश दुनिया में कई जगह देखने व सुनने को मिल ही जाते हैं। जहां कुछ चमत्कारों से जुड़ी कई चीजें सामने आ जाती हैं, वहीं कुछ ऐसे चमत्कार आज भी दुनिया में मौजूद हैं जिन्हें आम इंसान तो क्या विज्ञान तक समझ पाने में असफल रहा है।
भगवान शिव का ऐसा ही एक चमत्कार हमारे देश भारत में भी कई सालों से जारी है। जानकारों की मानें तो भोलेनाथ की महिमा को समझ पाना तो देवताओं के भी बस की बात नहीं तो इंसान कैसे उनकी महिमा समझ सकते हैं। आज चमत्कार से भरे ऐसे ही एक स्थान का हम यहां जिक्र कर रहे हैं। जिसके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे कि आखिर कैसे एक ही स्थान पर 11 शिवलिंग होने के बावजूद भी वहां आज तक कोई मंदिर नहीं बन पाया है। आइए जानते है विस्तार से…
यहां स्थापित हैं ये 11 शिवलिंग
दरअसल हम बात कर रहे हैं वह दक्षिण बिहार के नवादा जिले में हैं। यहां एक पहाड़ पर एक साथ 11 शिवलिंग स्थापित हैं। लेकिन इस स्थान पर कोई मंदिर नहीं है। ये 11 शिवलिंग नवादा जिले के नारदीगंज प्रखंड के धनवा गांव के पहाड़ पर स्थित हैं। कहा जाता है कि यहां भोलेनाथ को खुला वातावरण ही पसंद है। कहते हैं कि इस स्थान को मंदिर का रूप देने की कई बार कोशिश की गई लेकिन हर बार दीवारें ढह जातीं। इसीलिए लोगों ने यहां मंदिर बनाने का विचार ही छोड़ दिया।
शिवलिंग में दिखती हैं इन सबकी छवियां
नवादा जिले में एक ही स्थान पर स्थापित 11 शिवलिंगों में भोलेनाथ, माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की छवियां दिखती हैं। बता दें कि इन शिवलिंगों की पूजा भी नियमितरूप से नहीं होती, बल्कि साल में केवल एक बार ही होती है। वह भी केवल शिवरात्रि के दिन...
इससे पहले और इसके बाद कभी भी इन शिवलिंगों की पूजा नहीं की जाती। हालांकि इसका क्या रहस्य है इसके ऊपर से आज तक पर्दा नहीं उठ सका है।
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