सर्वाधिक राजस्व देने वाले विभाग का हाल-बेहाल, पंजीयन के आने के दिन भी तय नहीं
टीकमगढ़. शासन को सबसे अधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल पंजीयक विभाग की हालत सबसे अधिक दयनीय बनी हुई है। आलम यह है कि संभाग के पांच जिले एक पंजीयक के भरोसे चल रहे है। वहीं जिले के तीन उप पंजीयक कार्यालयों में से दो में उप पंजीयक भी नहीं है।
जमीन और संपत्तियों का क्रय-विक्रय करने वाला पंजीयक कार्यालय बेहाल बना हुआ है। आलम यह है कि जिले से अकेले ही 44 करोड़ का राजस्व देने वाले विभाग के पंजीयक का पद रिक्त पड़ा हुआ है। यहां का प्रभारी सागर की पंजीयक निधि जैन को दिया गया है। वहीं जिले की उप पंजीयक कार्यालय बल्देवगढ़ एवं जतारा में उप पंजीयक न होने से यहां पर पंजीयन लिपिक काम देख रहे है। बताया जा रहा है कि जिले के तीनों उप पंजीयक कार्यालय में होने वाले काम के अनुरूप स्टॉफ की बहुत कमी बनी हुई है।
प्रतिदिन 20 से 25 रजिस्ट्रियां
विभाग की माने तो अकेले टीकमगढ़ उप पंजीयक कार्यालय में ही प्रतिदिन 20 से 25 रजिस्ट्रियां हो रही है। इन रजिस्ट्रियों में होने वाले डॉक्यूमेंटेशन, हस्ताक्षर आदि के लिए कम से कम 8 लोगों के स्टॉफ की जरूरत है, लेकिन यहां पर मात्र तीन लोगों का स्टॉफ है। ऐसे में यहां पर रजिस्ट्री लेकर तमाम प्रकार के काम करते दिखाई देते है। यदि यह कहा जाए कि विभाग इन पर ही निर्भर है तो अतिशियोक्ति नहीं होगी।
पूरे संभाग में यही हाल
यह हाल केवल जिले का नहीं बल्कि पूरे संभाग का बताया जा रहा है। विदित हो कि संभाग के पांच जिलों का प्रभार सागर में पदस्थ पंजीयक निधि जैन को सौंपा गया है। निधि जैन के पास सागर के साथ ही टीकमगढ़, छतरपुर, दमोह, निवाड़ी का भी प्रभार है। सूत्रों की माने तो जिले में तो इनका आना ही नहीं होता है। जबकि नियमानुसार प्रभार की स्थिति में हर जिले के लिए दिन तय होने चाहिए, ताकि लोगों को इसकी जानकारी हो और उन्हें किसी काम के लिए परेशान न होना पड़े।
नंबर न देने के निर्देश
प्रभारी पंजीयक निधि जैन से यदि किसी को काम हो तो उनसे बात भी नहीं कर सकता है। सूत्रों की माने तो उन्होंने स्टॉफ को सख्त हिदायत दी है कि उनका नंबर किसी को न दिया जाए। पत्रिका ने जब स्टॉफ से उनका नंबर जानने का प्रयास किया तो यह मामला सामने आया। कर्मचारी बोले कि साहब हमें परेशान न करें। नंबर देने पर मैडम नाराज होगी।
रिकार्ड भी सुरक्षित नहीं
उप पंजीयक कार्यालय में रखे रिकार्ड भी सुरक्षित नहीं दिखाई दिया। यहां पर इसे रिकार्ड रूम में न रखकर उप पंजीयक के चैबर के बाहर एक कौने में रखा गया था। इसके पास ही लाइट के तार झूल रहे थे। विदित हो कि हाल ही में सतपुरा भवन में हुई आग की घटना के बाद हर विभाग को इसके निर्देश दिए गए है, इसके बाद भी यहां पर लापरवाही देखने को मिली।