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बोवाई के बाद लिए गए बीज और खाद के सैंपल फेल

खरीफ बोवाई के बाद कृषि विभाग ने बीज, खाद और कीटनाशक दवाओं का सैंपल लेना शुरू किया। विभाग ने कुछ दिन बाद सैंपलों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा। उसके बाद खाद और बीज सैंपलों की रिपोर्ट फेल निकली।

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How to make farming a profitable business

How to make farming a profitable business

टीकमगढ़. खरीफ बोवाई के बाद कृषि विभाग ने बीज, खाद और कीटनाशक दवाओं का सैंपल लेना शुरू किया। विभाग ने कुछ दिन बाद सैंपलों को प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा। उसके बाद खाद और बीज सैंपलों की रिपोर्ट फेल निकली। जबकि जिले के सभी किसान लाखों हेक्टेयर में खरीफ की बोवाई कर चुका है और कीटनाशक दवाओं का छिडकाव भी कर चुका है। उसके बाद कृषि विभाग मैदान में आया। जिसका किसानों को कोई लाभ नहीं है। विभाग की इस खानापूर्ति से किसानों का विश्वास उठले लगा है।
टीकमगढ़ जिले के किसानों ने २ लाख ३१ हजार २८० हेक्टेयर और निवाड़ी जिले के किसानों ने ७८ हजार ६२० हेक्टेयर में उड़द, सोयाबीन, मूंगफली, धान, मक्का, ज्वार, कोदो कूटकी, तुअर, मूंग, तिल साथ अन्य बीजों को बोया है। जब खरीफ सीजन की बोवाई शुरू हुई और उसके पहले से कृषि विभाग ने बीज, खाद और कीटनाशक दवाओं के सैंपल नहीं लिए। बोवाई पूर्ण होने के बाद टीकमगढ़, बल्देवगढ़, पलेरा, जतारा, पृथ्वीपुर और निवाड़ी में कृषि विभाग ने सैंपल लेना शुरू कर दिया और जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया। जिसमें बीज और खाद की रिपोर्ट फेल आई है।
बीज की १२ और खाद की ३ रिपोर्ट फेल
कृषि विभाग से मिली जानकारी अनुसार टीकमगढ़ जिले में बीज के ५६ सैंपल लिए गए। उन्हें ऑनलाइन प्रयोगशाला जांच के लिए भेजे गए। जिसमें १२ सैंपल की रिपोर्ट फेल आई है। ऐसे ही खाद के टीकमगढ़ और निवाड़ी से ४९ सैंपल लिए गए। जिसमें ३ सैंपल फेल हो गए। दोनों जिलों में कीटनाशक दवाओं के ३ ही सैंपल लिए गए है।


कीटनाशक दवाओं के नहीं लिए सैंपल
खरीफ फसलों की खरपतबार को खत्म करने के लिए किसानों ने लाखों रुपए खर्च किए। उसके बाद खेतों में दवाओं केा छिडक़ाव किया गया। सैकड़ों किसानों को दुकानदारों ने असली दवाएं बताकर नकली दवाएं पकड़ा दी। जिसके छिडकाव का कोई असर नहीं हुआ। जिसमें सैकड़ों किसान दुकानदारों से ठग गए है। दवाएं खरीदी के दौरान किसी ने बिल नहीं दिया है। जिसके कारण शिकायत भी नहीं कर पा रहे है। वहीं कृषि विभाग के अधिकारियों ने कीटनाशक दवाओं के सैंपल भी नहीं लिए है।
यह होना चाहिए विभाग की व्यवस्थाएं
खरीफ और रबी सीजन की बोवाई के एक महीना या फिर १५ दिन पहले कृषि विभाग के अधिकारियों को बीज, सभी प्रकार के खाद और कीटनाशक दवाओं के सैंपल लेना चाहिए। उसके बाद समय अनुसार उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए भेजकर बोवाई के पहले रिपोर्ट लाना चाहिए। जिससे किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सके लेकिन इस प्रकार का कार्य नहीं किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल
२३१२८० हेक्टेयर जिले का रकबा।
७८६२० हेक्टेयर जिले का रकबा।
५६ सैंपल जिले में बीज के
१२ सैंपल फेल जिले में बीज के
४९ सैंपल जिले में खाद के
३ सैंपल फेल जिले में खाद के
३ कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए
१२५ जिले में बीज की दुकानें
६५ जिले में कीटनाशक की दुकानें
इनका कहना
कीटनाशक के सैंपल लेने के आदेश हो गए है। बीज खाद के सैंपल पहले जांच के लिए प्रयोगशाला भेजे गए थे। यह बात सही है कि खाद बीज और कीटनाशक दवाओं के सैंपल बोवाई के पहले लेने चाहिए।
अशोक कुमार शर्मा, उपसंचालक कृषि विभाग टीकमगढ़।