जिले में ३५7 के करीब राशन की दुकानें संचालित हो रही है। उनके लिए भोपाल स्तर से हर महीना केरोसिन(मिट्टी का तेल) का आवंटन हो रहा है, लेकिन जिले में एक साल से केरोसिन दुकानों पर नहीं पहुंचा है। जबकि डिपो पर केरोसिन१०४ रुपए प्रति लीटर है। जिसके कारण उठाव डीलरों ने केरोसिन का उठाव बंद कर दिया है और उसके लिए सैकड़ों उपभोक्ताओं ने सीएम हेल्प लगाई है।
टीकमगढ़. जिले में ३५7 के करीब राशन की दुकानें संचालित हो रही है। उनके लिए भोपाल स्तर से हर महीना केरोसिन(मिट्टी का तेल) का आवंटन हो रहा है, लेकिन जिले में एक साल से केरोसिन दुकानों पर नहीं पहुंचा है। जबकि डिपो पर केरोसिन१०४ रुपए प्रति लीटर है। जिसके कारण उठाव डीलरों ने केरोसिन का उठाव बंद कर दिया है और उसके लिए सैकड़ों उपभोक्ताओं ने सीएम हेल्प लगाई है। उपभोक्ता केरोसिन का इंतजार कर रहे है। अधिकारियों का कहना है कि केरोसिन के दाम आसमान पर हैं। महंगा होने कारण लोग उसे खरीद नहीं रहे है। इसलिए उठाना बंद कर दिया है।
राशन कार्ड परिवारों ने बताया कि महंगाई की मार अब अति गरीब परिवारों के घर तक पहुंच गई है। गरीबों का ईधन माना जाने वाला केरोसिन (मिट्टी का तेल) अब डीजल से महंगा हो गया है। टीकमगढ़ में डीजल के दाम 9४. ६४ रुपए लीटर है तो राशन की दुकानों पर केरोसिन १०४ रुपए चल रहा है।
एक साल से डीलर ने केरोसिन का नहीं किया उठाव
जिले में ३५7 राशन दुकानों पर मार्च से अब तक केरोसिन नहीं पहुंचा है, लेकिन जिले की ऐसी सैकड़ों राशन दुकानें है, जिन पर एक साल से केरोसिन (मिट्टी का तेल) नहीं पहुंचा है। जिले में डीलर की माने तो पूरा केरोसिन का व्यापार खत्म हो गया है। इसका प्रमुख कारण है कि इसका सबसे अधिक उपयोग ग्रामीण अतिगरीब लोगों द्वारा ही किया जाता है। महंगाई होने से खरीद भी कम कर दी गई है।
सब्सिडी का नहीं है प्रावधान, लगातार बढ़ रही दरें
वर्ष २०२१-२२ में केंद्र के बजट में केरोसिन पर सब्सिडी का प्रावधान नहीं था। एक अप्रेल २०२१ से सब्सिडी नहीं मिलने से केरोसिन की दरें लगातार बढ़ रही है। बढ़ती कीमतों के फेर में पहले कालाबाजारी करने वाले डीलरों की दुकानें भी बंद हो गई है। व्यापारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दाम बढऩे से बाजार में कीमतें बढ़ गई है।
जिले में यह है दुकानें और परिवार
जिले में ३५7 राशन दुकानों को संचालित किया जाता है। उन दुकानों से १ लाख 9० हजार ४२१ परिवार दर्ज है। जिसमें ३० हजार के करीब अंत्योदय परिवार दर्ज है। उनके लिए जिले में १२ हजार लीटर के ११ टैंकर आते है। जिसमें १ लाख ३२ हजार केरोसिन मिट्टी का तेल वितरण किया जाता है। अब महंगाई इतनी बढ़ गई है कि एक लीटर तेज दुकान तक १०४ रुपए का हो गया है। जबकि डीजल 9४.६४ रुपए लीटर पम्पों पर बिक रहा है।
फैक्ट फाइल
४- जिले में कुल जनपद पंचायत
३५7- जिले में कुल राशन दुकानों का संख्या
१9०४२१- जिले में कुल राशन कार्ड परिवारों की संख्या
४- जिले में कुल डीलरों की संख्या
१३२०००-जिले में केरोसिन लीटर की संख्या
१०४ रुपए- जिले में एक लीटर केरोसिन के दाम
इनका कहना
भोपाल स्तर से करोसिन (मिट्टी का तेल) का आवंटन हो रहा है, लेकिन महंगा होने के कारण डीलरों द्वारा उठाव नहीं किया जा रहा है। हाल ही में केरोसिन (मिट्टी का तेल) का एक लीटर १०४ रुपए लीटर आ रहा है। राशन दुकानों पर केरोसिन आता है, महंगा होने के कारण उपभोक्ताओं द्वारा खरीदा नहीं जाता है।
सीताराम कोठारे, खाद्य अधिकारी टीकमगढ़।