आवारा मवेशियों से किसानों को लगातार समस्या हो रही है। आवारा मवेशी खेतों में पहुंचकर फ सलों को नुकसान पहुंचा रहे है। जिसके चलते किसानों की चिंताएं बढ़ रही है। किसानों ने बताया कि इस साल अच्छी बारिश होने से फसलों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद है, लेकिन आवारा पशुओं ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में हजारों की संख्या में आवारा मवेशी घूम रहे है।
बनयानी निवासी किसान कृष्णपाल सिंह लोधी, रघुनाथ विश्वकर्मा, राकेश कुशवाहा और रामसिंह कुशवाहा ने बताया कि कर्ज लेकर खरीफ की बोवनी कर ली है, लेकिन फ सल की सुरक्षा करना मुश्किल हो रहा है। मवेशियों से खेतों की रखवाली करने के लिए तार फेंसिंग भी करवाई है, लेकिन आवारा पशु इनको लांघ कर भीतर घुस जाते है और फ सल को खा जाते है।
जिले में संचालित गोशाला परियोजना के तहत भूसे दाने के लिए गौसंवर्धन बोर्ड से उपसंचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा जिला पंचायत टीकमगढ़ को अगस्त 2022 से फ रवरी 2023 तक की 98,88,462 की राशि स्वीकृत हुई थी। जिसमें देवरदा, इमलाना, करमासनहटा, खजरार, लुहर्रा, लखेरी, बुदौरा, चंद्रपुरा, लडवारीखास, रमपुरा, सरकर खालसा, बम्हौरीखास कुम्हैंडीखास, मांची, रामनगर, मातौल, दानगा, बूदौर, गोवा, हनौता, खेरा, महेन्द्र महेबा बराना, गडारी, जरूवा, कुडयाला रतवास सिमराखुर्द, टीला नरेनी, टोरी, अंतौरा, गोपालपुराखास, जशवंतनगर, मामौन, सापौन, डूंडा, श्रीनगरखास, सुंदरपुर सहित ३८ गोशालाएं शामिल थी। लेकिन वहां की स्थिति उलट है।
इनका कहना
जिले की गोशालाओं में गायों को भेजा रहा है। सडक़ों पर बैठे मवेशियों को गोशालाओं में छोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। गोशालाओं में रह रहे गायों को बाहर निकालने वाले जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
आरके जैन, उपसंचालक पशु पालन एवं डेयरी विभाग टीकमगढ़।