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श्रद्धालुओं से खचाखच भरा पंडाल और गंजीखाना मैदान

मंगलवार के दिव्य दरवार में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन मात्र के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल और गंजीखाना मैदान खचा खच भरा था। सुबह १० बजे की जगह महाराज दोपहर १२.३० बजे के करीब दिव्य दरवार स्थल पहुंचे। दोपहर १.१३ बजे से दिव्य दरवार शुरू हुआ।

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The divine court started three hours late

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टीकमगढ़. मंगलवार के दिव्य दरवार में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दर्शन मात्र के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पंडाल और गंजीखाना मैदान खचा खच भरा था। सुबह १० बजे की जगह महाराज दोपहर १२.३० बजे के करीब दिव्य दरवार स्थल पहुंचे। दोपहर १.१३ बजे से दिव्य दरवार शुरू हुआ। इसमें इटारसी, हरियाणा, टीकमगढ़, बम्हौरी बराना के साथ अन्य लोगों की समस्याएं सुनी। जिसमें ज्यादातर बेरोजगारी, बीमारी, गृह क्लेश और व्यवसाय में घाटे की अर्जी सामने आई। यह कार्यक्रम करीब तीन घंटे तक चला।
दोपहर में दिव्य दरवार में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि आज के दरवार में जो-जो विराजमान है मेरे पागलों, आज के बाद ही बाला जी दरवार को पकड़ों, माध्यम में नहीं पड़ो, मंदिरों में जाओं, हम मिले या नहीं मिले, सभी भाव पूरे होगें। हम और आपको शक्तियां जरूर दिखाई नहीं पड़ती,सन्यासी बाबा और बाला जी को हम आप सभी दिखाई पड़ते है।
टीकमगढ़ में जिन पर नाकारात्मक ऊर्जा है, उनके लिए दरवार लगाया जाए, आप हमारे हो और हम तुम्हारे है, एक न एक दिन हम तुमसे जरूरी मिलेगें, पर्चा भी बनाएगें। आज घर जाना और संकटों से कह देना भाग जाओं, हमारे बाला जी संकटमोचन हो गए है। जो पर्चे पर लिख दिया वह कटने वाला नहीं है। जो उपाय न करे और दिन भर पउआ पर पउआ पिए जाए और मंगलवार को मुंह पौछ कर कहे जय हनुमान ज्ञानगुन सागर... भूत पचास निकट नहीं आवें, ठठरी के बरे नककटा, फिर कहो गुरू जी काम सफल नहीं हुआ, आगी के लय, लुअर के लय। उन्होंने कहा कि भारत का एक ऐसा बाला जी का दरवार है जो आज के पहले सनातप धर्म को पाखंडी कहा जाता था, कहते थे कुछ नहीं होता है, पहली बार ऐसा बोलने वालों के मुह पर तमाचा मारा है बागेश्वर बाला जी ने, बडे-बडे वृद्धिमान आते है वृद्धि लगाने.. लेकिन उनकी ठठरी बर जाए, यही प्रत्यक्ष प्रमाण बाला जी के यहां है।


सुरक्षा में लगे बाउंसर ने श्रद्धालुओं के साथ की धक्का मुक्की
मंगलवार की दोपहर १२.४५ बजे के करीब दिव्य दरवार में शामिल होने आए श्रद्धालुओं के साथ बाउंसरों और सेवादारों ने धक्का मुक्की कर दी। जिसमें नाबालिग बालक और बालिकाएं शामिल थी। उनकी गलती इतनी थी कि वह बीआइपी रास्ते के बैरीगेट़स को लांगकर अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे। इसके पहले पुलिस और बाउंसरों में भी व्यवस्था को लेकर नौक झौंक देखी गई। जिसमें कुछ देर के लिए सभी बीआइपी सदस्यों को अंदर जाने से रोक दिया गया।

यह लगी अर्जी
पहली अर्जी अनीता नाम की माता की लगी। महाराज ने कहा कि लाखों लोगों में से आपकी अर्जी लगी है। वर्ष २०१० से परेशानी हो रही है। इलेक्ट्रोनिक दुकान को करने की बात कही। इसके बाद शिवम बम्हौरी बराना की अर्जी लगी। जिसमें मॉ की बीमारी और संतान चाह की अर्जी लगाई। इटारसी से आए नितिन और हरियाणा से कल्लू सिंह की अर्जी सुनी, उसके बाद तीन घंटे तक अर्जी लगती रही। मंगलवार की दिव्य दरवार में बेरोजगारी, बीमारी और व्यवसाय के साथ संतान चाह की अर्जी लगी है। टीकमगढ़ में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार में शुभम चौरे की अर्जी लगी। यह अर्जी लाखों भक्तों के बीच लगी जिसमें उनका नाम पुकार कर उनकी समस्याओं को पहले से ही दिव्य रूप से बताया एवं निराकरण का पर्चा महराज ने उन्हें दिया। शुभम चौरे ने अपने भाई सुधीर चौरे की नौकरी एवं परिवार की खुशहाली के लिएए भांजे मयूर चौधरी की पढाई के लिए आशीर्वाद मांगा। इस दौरान इटारसी के डॉ प्रताप सिंह वर्मा को महाराज ने सिंदूरी रंग शर्ट एवं दो मुखी रुद्राक्ष पहने व्यक्ति की पुकार लगाकर आशीर्वाद दिया।