ग्राम पंचायत ललवाडी के गांव विजयगोङ्क्षवदपुरा में माल की ढाणी में अलसुबह अचानक एक पशु पालक के बाड़े में विषैला चारा खाने से ग्यारह भेड़ों की मौत हो गई। अपनी आंखों के सामने तड़पती एवं एक-एक कर दम तोड़ती भेड़ों को देखकर पशुपालक जोर-जोर रोता हुआ चिल्लाने लगा।
निवाई. ग्राम पंचायत ललवाडी के गांव विजयगोङ्क्षवदपुरा में माल की ढाणी में अलसुबह अचानक एक पशु पालक के बाड़े में विषैला चारा खाने से ग्यारह भेड़ों की मौत हो गई। अपनी आंखों के सामने तड़पती एवं एक-एक कर दम तोड़ती भेड़ों को देखकर पशुपालक जोर-जोर रोता हुआ चिल्लाने लगा। उसकी आवाज सुनकर परिजन एवं आसपास के लोग दौडकऱ आए। ग्रामीणों ने ललवाडी सरपंच देवालाल गुर्जर को भेड़ों के मरने के बारे जानकारी दी।
ग्रामीणों की सूचना पर सरपंच ने सिरोही पशु चिकित्सक डॉ.ज्योति चौधरी को अवगत कराया। लेकिन वे समय पर नहीं पहुंचे। सरपंच माल की ढाणी विजयगोङ्क्षवदपुरा पहुंच गए। सरपंच की सूचना पर सुबह छह बजे मोबाइल टीम के पुश चिकित्सक निवाई से विजयगोङ्क्षवदपुरा पहुंचे। जहां उन्होंने विषैला चारा खाने से गंभीर बीमार भेडों के उपचार में जुट गए। इससे गंभीर बीमार भेडों की स्थिति में सुधार हुआ। सभी भेडों पर पानी डाला गया।
सरपंच देवालाल ने बताया कि गांव विजयगोङ्क्षवदपुरा में पुशपालक रामवतार मीणा पुत्र नारायण लाल मीणा ने मंगलवार की देरशाम को जंगल से भेडों को चराकर अपने बाडे में लेकर आए था। आशंका है कि भेड़ों ने जंगल में ही कोई जहरीला चारा खा लिया था। उसके बाद प्रतिदिन की तरह वह बुधवार की अलसुबह करीब पांच बाड़े पर पहुंचा। जहां करीब डेढ़ दर्जन से अधिक भेडें जमीन गिरी मिली। जमीन भेडें तड़पती हुई दिखाई दी। सरपंच ने भेड़ों के मरने पर प्रशासन व राज्य सरकार से पुशपालकों उचित मुआवजा राशि की मांग की है। इस दौरान हल्का पटवारी कृष्ण मीणा, विकास बैरवा, दत्तवास पुलिस के एएसआई गणपत ने सरपंच व ग्रामीण पांचू लोधा, गंगासहाय मीणा, पृथ्वीराज मीणा, वार्ड पंच भागुतालाल मीणा, छोटू वर्मा, मांगीलाल खटाणा सहित कई अन्य ग्रामीणों की मौजूदगी में मौका रिपोर्ट बनाई गई। जिसे उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया।
&जंगल में विषैला चारा खाने से 11 भेड़ मर गई और गंभीर बीमार 26 भेड़ों का पशुपालक के बाड़े में उपचार किया गया है।
डॉ.शिवराज शर्मा, पशु चिकित्सक, मोबाइल टीम
&विभागीय आदेशों की पालना में 14 मई को आगजनी में भैंस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को भेजने के कारण गांव विजयगोङ्क्षवदपुरा देरी पहुंच पाई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट भेजना अतिआवश्यक था।
डॉ.ज्योति चौधरी, पशु चिकित्सक, सिरोही