रियासत कालीन सीमाओं के मध्य शहर के वर्तमान छतरी चौराहा पर बुजर्गों के अनुसार श्मशान क्षेत्र था।
टोंक के देवली शहर के छतरी चौराहा स्थित शिव मंदिर के पुनर्निर्माण में जेसीबी से नींव खोदने समय सांप दिखने पर ठेकेदार ने कार्य रोक दिया। वहां लोगों ने नाग के पीने को दोने में दूध भी रखा। वही मंदिर से जुड़ी बनी इमारत के नीचे बंद जलस्रोत भी नजर आया है। मंदिर का पुनर्निर्माण नगर पालिका करवा रही है। रियासत कालीन सीमाओं के मध्य शहर के वर्तमान छतरी चौराहा पर बुजर्गों के अनुसार श्मशान क्षेत्र था।
जहां पर स्नान करने के लिए जलस्त्रोत भी था। लेकिन बाद में श्मशान की जगह बाजार विकसित हो गए। छतरी चौराहा पर शिव मंदिर एवं उससे जुड़ी जगह पर दो मंजिला इमारत बनी हुई है। नगर पालिका ने शिव मंदिर के पुनर्निर्माण को लेकर स्वीकृति निकालकर कार्यादेश जारी किया है।
मंदिर निर्माण को लेकर निर्जला एकादशी को विधि विधान मंत्रोच्चार से भूमि पूजन किया गया। लेकिन सोमवार को मंदिर के लिए जेसीबी से ठेकेदार के कार्य करते समय इमारत की तरफ नींव खोदते समय एक चौड़ा खुला छेद दिखा। वहीं से अचानक सांप नजर आने पर घबरा गया और सांप होने को लेकर आवाज लगाई। साथ ही ठेकेदार के आदमी ने जेसीबी से कार्य रोक दिया।
आवाज सुन लोग नींव की खुदाई तक गए। वहीं इमारत की नींव कार्य में सांप की सूचना शहर में फैल गई। जिसके बाद लोग मौके पर आकर जानकारी लेने लगे।