महिला शिक्षा के क्षेत्र में विश्व विख्यात वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आदित्य शास्त्री के निधन के बाद मंगलवार को वनस्थली विद्यापीठ में अंतिम संस्कार किया गया। निवाई कस्बे में उनकी शवयात्रा निकाली गई, इस दौरान वनस्थली विद्यापीठ परिसर में रामधुनी चलती रही।
निवाई. महिला शिक्षा के क्षेत्र में विश्व विख्यात वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति प्रो. आदित्य शास्त्री के निधन के बाद मंगलवार को वनस्थली विद्यापीठ में अंतिम संस्कार किया गया। निवाई कस्बे में उनकी शवयात्रा निकाली गई, इस दौरान वनस्थली विद्यापीठ परिसर में रामधुनी चलती रही। अंतिम यात्रा में चार्टर प्लेन से पुष्प वर्षा की गई। ज्येष्ठ पुत्र अंशुमान शास्त्री ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान उनकी पत्नी सहकुलपति प्रो. ईना शास्त्री को परिजनों ने ढांढस बंधाया।
ज्ञात रहे कि सोमवार देर शाम जयपुर के निजी अस्पताल में प्रो. शास्त्री का निधन हो गया था। गत 5 मई को कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें जयपुर के एक निजी अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था। कोविड नेगेटिव आने के बाद अचानक सोमवार को तबीयत बिगड़ी और निधन हो गया।
निधन का समाचार मिलते ही राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद सुखबीरसिंह जौनापुरिया, विधायक प्रशांत बैरवा सहित देशभर की जानी मानी हस्तियों ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शास्त्री के निधन को शिक्षा जगत के लिए अपूरणीय क्षति बताया। वहीं वनस्थली विद्यापीठ सहित शिक्षाविदें में शोक की लहर छा गई। विद्यापीठ में अध्ययन करने वाली छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों सहित आमलोगों ने सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रो. शास्त्री राजस्थान राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री पं. हीरालाल शास्त्री के सुपौत्र एवं प्रो. दिवाकर शास्त्री के पुत्र थे। उनके दो पुत्र हैं।
राज्यपाल ने जताया शोक
राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रो. शास्त्री के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विरल शिक्षाविद् बताते हुए कहा कि बालिका शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री अशोक ने शास्त्री के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके निधन से शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास्त्री का महिला शिक्षा के क्षेत्र में उच्चतम स्थान पर ले जाने का अद्वितीय कार्य सदैव याद रहेगा।
विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा कि शिक्षा जगत का सितारा अस्त हो गया, लेकिन उनके शिक्षा क्षेत्र में किए गए कार्य ध्रुव तारे की तरह चमकते दिखाई देंगे। वहीं कांग्रेस के महावीर प्रसाद, ब्लॉक अध्यक्ष राजेश चौधरी, जिला सचिव प्रदीप पारीक, रमेशचंद्र अग्रवाल, रामकिशन, पार्षद दयाराम चौधरी, पारस, विजय शर्मा, अजहर खान आदि ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
शिक्षा के क्षेत्र में रहा अभूतपूर्व योगदान
ज्ञात रहे कि कि प्रो. शास्त्री को शिक्षा क्षेत्र में उनके द्वारा किए नए नवाचार देश की शिक्षा नीति में आधार स्तंभ रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ठ कार्य करने के लिए उन्हें प्रतिष्ठित जे.सी. बॉस मैमोरियल पुरस्कार से नवाजा गय। वे 100 ग्लोबल प्रभावशाली कुलपतियों में शुमार रहे। प्रो. शास्त्री वर्ष ने 2003 से कुलपति के पद पर रहते हुए वनस्थली विद्यापीठ को शिक्षा जगत में विशेष पहचान दिलाई।
वनस्थली विद्यापीठ के शैक्षिक स्तर को देखकर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद, प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, उपराष्ट्रपति वंैकेया नायडू, केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेशचंद्र पोखियाल, पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल, पूर्व पं. नवलकिशोर शर्मा, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, सोमनाथ चटर्जी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सुमित्रा सिंह आदि प्रशंसा कर चुके हैं।