जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर डेम अब ओवरफ्लो से महज 3 सेंटीमीटर दूर है। डेम में जल भराव फुल कैपेसिटी पर पहुंचने के बाद पानी की आवक को देखते हुए डेम के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू करने की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई हैं।
Bisalpur Dam: जयपुर की लाइफलाइन बीसलपुर डेम अब ओवरफ्लो से महज 3 सेंटीमीटर दूर है। डेम में जल भराव फुल कैपेसिटी पर पहुंचने के बाद पानी की आवक को देखते हुए डेम के गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू करने की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारी डेम पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं और पूर्ण जलभराव होने पर डेम के गेट खोलने की तैयारी में जुए गए हैं।
बीसलपुर डेम के जलस्तर में पिछले 24 घंटे में 8 सेंटीमीटर बढ़ोतरी हुई है लेकिन अब त्रिवेणी में पानी का बहाव घटकर 2.90 मीटर पर पहुंच गया है जिसके चलते डेम में भी पानी की आवक धीमी हो गई है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जिले में बारिश का दौर अब सुस्त पड़ गया है जिसके चलते त्रिवेणी में भी पानी का बहाव कम हो रहा है। हालांकि मानसून का सीजन अभी शेष है और ऐसे में डेम इस बार भी ओवरफ्लो होना तय है। गुरूवार सुबह डेम का जलस्तर 315.47 आरएल मीटर दर्ज किया गया है जो पूर्ण जलभराव से अब सिर्फ 3 सेंटीमीटर दूर है।
2004 में निर्माण के बाद पहली बार गेट खुले
2006 में दूसरी बार छलका बांध
2014 में तीसरी बार खोले गए गेट
2016 में भी बांध के खुले गेट
2019 में बांध के 17 गेट खोले
2022 में भी छलका बांध
2024 में सातवीं बार छलका डेम
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल के अनुसार बारिश का दौर धीमा पड़ने के कारण बीसलपुर डेम में भी पानी की आवक धीमी रफ्तार से हो रही है। पिछले दिनों 24 घंटे में डेम के जलस्तर में 8 सेंटीमीटर तक बढ़ोतरी दर्ज हुई। ओवरफ्लो होने की संभावना के चलते डेम की निगरानी बढ़ाई गई है और आसपास के गांवों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। पूर्ण जलभराव क्षमता यानि 315.50 आरएल मीटर तक पहुंचने व पानी की आवक को देखते हुए डेम के गेट खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो इस साल जयपुर, अजमेर और टोंक जिले को बीसलपुर डेम से तय मात्रा से ज्यादा जलापूर्ति होने की संभावना है। मानसून के पहले दौर में ही डेम छलकने के कगार पर है ऐसे में डेम ओवरफ्लो होने पर ईसरदा डेम में पानी के डायवर्जन के साथ ही तीनों जिलों को भी ज्यादा मात्रा में जलापूर्ति देने की योजना है।