उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े गलवा बांध की मुख्य नहर का पानी 15 बाद भी टेल पर नहीं पहुंचने से कमांड क्षेत्र के किसानों में विभाग के अधिकारियों के प्रति रोष है।
उनियारा. उपखंड क्षेत्र के सबसे बड़े गलवा बांध की मुख्य नहर का पानी 15 बाद भी टेल पर नहीं पहुंचने से कमांड क्षेत्र के किसानों में विभाग के अधिकारियों के प्रति रोष है। बांध की मुख्य नहर के अंतिम छोर के पावाडेरा जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्ष देवकरण गुर्जर, कमांड क्षेत्र के किसान मथुरालाल गुर्जर, बद्रीलाल पुरब्या, कजोड़ प्रजापत, सागर कुमावत, बाबूलाल पुरब्या आदि किसानों ने बताया कि गलवा बांध जलवितरण समिति की बैठक 15 नवम्बर को संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में में आयोजित हुई थी।
इसमें किसानों की मांग पर आयुक्त ने बैठक के दिन ही फसलों की ङ्क्षसचाई के लिए नहर को खुलवा दिया। साथ ही सबसे पहले अंतिम छोर पर पानी पहुंचाने के विभागीय अधिकारियों को आदेश दिए। उन्होंने बताया कि नहर को खुले 15 दिन गुजर जाने के बावजूद पावाडेरा तक पानी नहीं पहुंच सका है।
सरसों की फसल लगभग 50 दिन की हो चुकी है, जिसे ङ्क्षसचाई की आवश्यकता है। पानी नहीं मिलने से सूखने के कगार पर पहुंच गई है। किसानों ने बताया कि यदि अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया तो नहर के अंतिम छोर के कमांड क्षेत्र के किसानों को धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
बांध की मुख्य नहर के अंतिम छोर पर ठिकरिया गांव में पूरी तथा पावाडेरा गांव में भी कई किसानों की ङ्क्षसचाई हो चुकी है। पानी देर रात को पहुंचता है, जो सुबह करीब 11 बजे तक रहता है। पानी पहुंचाने के पूरे प्रयास जारी है ।
भवानी शंकर वर्मा, सहायक अभियंता, जल संसाधन विभाग, उनियारा।
किसानों को दी खेती की जानकारी
पीपलू. रबी की फसलों को लेकर कृषि विभाग के अधिकारियों ने खेतों में पहुंचकर ङ्क्षसचाई व्यवस्था, निराई-गुड़ाई आदि का निरीक्षण कर किसानों को सलाह दी। सहायक कृषि अधिकारी शकील अहमद, कृषि पर्यवेक्षक रामावतार गुर्जर ने किसानों को खरपतवार नियंत्रण, निराई गुड़ाई, खड़ी फसल में उर्वरक के प्रयोग आदि ङ्क्षबदुओं के बारे में जानकारी दी।
वहीं गांव में चौपाल लगाकर उपस्थित किसानों को विभागीय योजना ङ्क्षसचाई पाइपलाइन, कृषि यंत्र, फार्म पॉन्ड, ग्रीन हाउस, बगीचा लगाने पर मिलने वाले अनुदानों की जानकारी दी। संदेड़ा फार्म में राजस्थान फसल सुरक्षा मिशन योजना में किसान सत्यनारायण के यहां 400 मीटर तारबंदी कार्य का भौतिक सत्यापन किया। किसान के लघु सीमांत की श्रेणी में होने से 48 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। किसान दीनदयाल जाट के खेत पर राष्ट्रीय तिलहन विकास योजना में उपलब्ध करवाए गए सरसों के मिनिकिट का निरीक्षण कर जानकारी दी गई।