कस्बे में पर्यावरण संतुलन व बालकों के खेलने उद्देश्य से नगरपालिका मण्डल की ओर से लाखों रुपए खर्च कर पुराने अस्पताल के पास बालोद्यान निर्माण करवाया गया था। कस्बे की हृदय स्थली बने गांधी बालोद्यान का शिलान्यास वर्ष 1955 में किया गया था। बाद में तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा ने बालोद्यान का उद्घाटन किया था।
प्रशासन की उदासीनता से बालोद्यान में लगाए गए फव्वारे, झूले, चकरियां, फिसलपट्टी को समाजकंटकों ने तोड़ दिया है, वही पार्क के अंदर हरियाली नष्ट हो गई है। नगरपालिका बोर्ड द्वारा बालोद्यान में जलदाय विभाग को पेयजल टंकी निर्माण की स्वीकृति देने से जलदाय विभाग द्वारा पार्क के अंदर बहुत बड़ी पानी की टंकी निर्माण करवा दिया है। बालोद्यान समाजकंटकों व आवारा पशुओं की शरणस्थली बन गया है।
कहां-कहां स्वीकृत है बालोद्यान पालिका की ओर से काटी गई आवासीय कॉलोनियों में आदर्श नगर में दो, शास्त्रीनगर विस्तार योजना में एक, इंद्रा कॉलोनी में एक, इंद्रा कॉलोनी विस्तार में दो सहित कुल सात पार्क स्वीकृत हैं, लेकिन पालिका मण्डल व प्रशासन की उदासीनता से आज तक पार्कों के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है। इससे इन पार्को के लिए कॉलोनियों में भूमि खाली पड़ी है तथा उक्त भूमि पर लोग घरों का कचरा डालते हैं।
सौन्दर्यकरण किया जाएगा: नगरपालिका के अधिशासी अधिकारी भरतलाल मीणा का कहना है कि गांधी पार्क के सौन्दर्यकरण का प्रस्ताव लिया है जल्द ही टेंडर जारी कर पार्क का सौन्दर्यकरण किया जाएगा। पालिका क्षेत्र में बम्ब तालाब छतरी व मुसाणी नाडी के पास दो नए पार्क स्वीकृत किए गए हैं।